उत्तराखंड-यहां अब तक 11 दुकानदारों ने छोड़ दी दुकानें, जिला प्रशासन की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

ख़बर शेयर करें

पुरोला में नाबालिग लड़की को भगाने के मामले में विवाद के बढ़ने के बाद उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग ने डीएम को इस मामले के जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद अब जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद खुलासा हुआ है कि पुरोला से अब तक 11 दुकानदारों ने दुकानें खाली कर दी हैं।पुरोला में विवाद बढ़ने के बाद से अब तक विशेष समुदाय के 11 दुकानदार दुकानें खाली कर दी हैं। 11 दुकानदार यहां से पलायन कर चुके हैं। जिला प्रशासन की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। जिला प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग को सौंप दी है।

Ad
Ad

देहरादून जिले के केदारावाला निवासी इंजीनियर फिरोज खान ने इस मामले की शिकायत उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग से की थी। उन्होंने कहा था कि उत्तरकाशी के पुरोला में हिंसक प्रदर्शन कर मुस्लिम समुदाय के लोगों को क्षेत्र छोड़ कर जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि उनकी दुकानों के बाहर चेतावनी भरे पोस्टर लगाए जा रहे हैं। जिसके बाद से पुरोला में रह रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों में डर का माहौल है। इसके बाद आयोग ने डीएम उत्तरकाशी को मामले की जांच के आदेश दिए थे।

जिला प्रशसन ने आयोग को सौंपी रिपोर्ट
इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन ने जांच के बाद 12 जून को आयोग को सौंप दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक पुरोला से विशेष समुदाय के 11 दुकानदारों ने दुकानें खाली कर दी हैं। उन्होंने यहां से पलायन कर दिया है।

इन 11 दुकानदारों में एक फर्नीचर, एक रजाई गद्दा, एक आइसक्रीम, तीन क्राॅकरी, एक सब्जी भंडार व एक गारमेंटस शॉप वाला शामिल है। इसके साथ ही इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नाबालिग को भगाने के मामले के विरोध में लोगों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान और इसके बाद से व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखी थी।

जबरन दुकानें खाली करने की नहीं मिली शिकायत
रिपोर्ट में कहा गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय के दुकानदारों से जबरदस्ती दुकानें खाली कराने की कोई भी शिकायत नहीं मिली है। इसके साथ ही किसी अन्य समुदाय के लोगों के द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को डराने धमकाने और दुकानें बंद रखने की बात की कोई शिकायत नहीं है।

अल्पसंख्यक समुदाय के दुकानदारों ने खुद बंद रखी दुकानें
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय के दुकानदारों का कहना है उन्होंने खुद ही अपनी दुकानें बंद रखी हुई हैं। उन्हें किसी ने दुकानें बंद करने को नहीं कहा। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा है कि वो लोग बाजार में सामान्य स्थिति होने और व्यापार मंडल के सहयोग के बाद ही दुकानें खोलेंगे।