गंभीर बीमारियों की जनक है सेंचुरी पेपर मिल, मांगे नहीं मानी तो मिल गेट पर होगा धरना प्रदर्शन: तराई भाबर बचाओ संघर्ष समिति ( देखें वीडियो)

ख़बर शेयर करें

एसडीएम को ज्ञापन देते तराई भावर बचाओ संघर्ष से समिति के पदाधिकारी

ख़बर शेयर करें

हलद्वानी एसकेटी डॉटकाम

Ad
Ad

तराई भावर बचाओ संघर्ष समिति के दर्जनों पदाधिकारियों ने आज उप जिलाधिकारी हल्द्वानी के माध्यम से एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि लाल कुआं स्थित सेंचुरी पेपर मिल अपना जहरीला केमिकल घोड़ा नाला में बहा रही है ।

जिसकी वजह से क्षेत्र में जल प्रदूषण बढ़ गया है। हैंडपंप में केमिकल निकल रहा है। इसके अलावा जानवरों के दूध में भी केमिकल की बू गई है। लोगों को कई तरह की बीमारियों से जूझना पड़ रहा है अपना उपचार कराने में तीन लोगों को हजारों लाखों रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। लेकिन घोड़ा नाला में मिल द्वारा किसी भी तरह का कोई ट्रीटमेंट नहीं किया जा रहा है जिससे वहां रहने वाली लाखों की आबड़ी गंभीर बीमारी की चपेट में रही है।

वही इन लोगों के उपचार के लिए किसी भी तरह की कोई सुविधा लाल कुआं सेंचुरी पेपर मिल द्वारा नहीं की गई है। संघर्ष समिति यह मांग करती है कि घोड़ा नाला क्षेत्र में लाल कुआं सेंचुरी पेपर मिल द्वारा एक अस्पताल शुरू किया जाना चाहिए जिससे यहां की आबादी को उपचार मिल सके।

इसके अलावा घोड़ा नाला का पाईपीकरण किया जाना चाहिए ताकि यह भूमि में ना जा सके। समिति ने यह भी आरोप लगाया कि सेंचुरी पेपर मिल द्वारा कई दर्जनों हैंडपंप लगाकर भूजल का अनावश्यक दोहन किया जा रहा है। भूजल दोहन करने से क्षेत्र के लोगो को पानी की समस्या का समाधान नहीं मिल पा रहा है गर्मियों में तो लोगों को पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच आनी पड़ती है।

संघर्ष समिति ने मांग की है कि सेंचुरी पेपर मिल को यहां के निवासियों के हर घर से एक व्यक्ति को कंपनी में रोजगार देना चाहिए इसके अलावा यहां के एक पार्क का निर्माण भी किया जाना चाहिए। कई बार संघर्ष समिति में सेंचुरी पेपर मिल प्रबंधन को अपनी मांगों के समर्थन में ज्ञापन भी दिया ।

लेकिन सेंचुरी पेपर मिल अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर पाई है संघर्ष समिति मिल प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहना चाहती है कि यदि उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो संघर्ष समिति मिल के गेट पर धरना प्रदर्शन कर आंदोलन शुरू कर देगी जिसकी जिम्मेदारी मिल प्रबंधन की होगी।

संघर्ष समिति के अनेक लोगों ने आज सच ही तो पोर्टल पर अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर संघर्ष समिति की मांगों पर मिल प्रबंधन और सरकार द्वारा कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो संघर्ष समिति मिलके गेट के सामने हम ना आंदोलन शुरू कर देगी।

मौके पर समिति के अध्यक्ष रमेश पलड़िया उपाध्यक्ष उमेद राम, भुवन जोशी, धीरज पांडे, मुन्ना दसोनी, कमलेश दसीला, धीरज रावत ,वीरेंद्र बोरा ,दीवान आर्य ,दीपचंद भट्ट ,रमेश बोरा ,कमल शर्मा ,दयाल सिंह प्रकाश आर्य, रविंद्र जोशी, महेंद्र कुमार, लखन मेहता, मनोहर सिंह रोहित आर्य समेत दर्जनों पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।