सड़क ना होने से फिर एक और महिला ने गंवाई जान, पांच घंटों में तय की आठ किमी पैदल दूरी

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उत्तराखंड में विकास के दावे तो सरकारें करती रहती हैं लेकिन पहाड़ों से अक्सर कुछ तस्वीरें ऐसी सामने आती हैं जो इन दावों की पोल खोल के रख देती हैं। ऐसी ही एक खबर अल्मोड़ा जिले से सामने आई है। जहां सड़क ना होने के कारण एक बुजुर्ग महिला को इलाज नहीं मिला पाया और महिला ने दम तोड़ दिया।

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अल्मोड़ा के मौलेखाल गांव तक सड़क न होने के कारण और स्वास्थ्य सुविधाओं के ना होने के कारण एक महिला की मौत हो गई। मिली जानकारी के मुताबिक घर पर गिर जाने के कारण बुजुर्ग महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी। गांव तक सड़क ना होने के कारण महिला को चारपाई के सहारे रोड तक ले जाया गया। लेकिन समय पर इलाज ना मिलने के कारण महिला की मौत हो गई। बता दें कि बीते दिनों पिथौरागढ़ से भी ऐसी ही एक तस्वीर सामने आई थी जहां इलाज ना मिलने के कारण लक्षिमा देवी की मौत हो गई थी।

सड़क तक लाने में लग गए पांच घंटे
गांव से सड़क की दूरी आठ किलो मीटर है। आठ किमी महिला को चारपाई की सहायता से लाने में लोगों को पांच घंटे लग गए। सड़क तक लाने में ही देरी हो गई। इसके बाद जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया तो अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा न मिलने से हायर सेंटर दिल्ली के लिए कर दिया गया। हायर सेंटर ले जाते वक्त महिला की मौत हो गई। प्रदेश में कई बार ऐसी खबरे सामने आती हैं जिनमें विकास के दावे फेल होते नजर आते हैं।

घर पर ही गिरकर घायल हो गईं थीं महिला
मिली जानकारी के मुताबिक अल्मोड़ा जिले के खदेरागांव निवासी 70 वर्षीय गोविंदी देवी घर पर ही गिर गई थी। जिस से वो घायल हो गई थी। गांव तक सड़क ना होने के कारण उन्हें चारपाई के सहारे अस्पताल ले जाने का सोचा गया। लेकिन इसके लिए गांव में युवा भी नहीं मिल पाए। जैसे-तैसे उन्हें गांव में मौजूद लोग रोड तक लाए।

लेकिन आठ किलोमीटर की दूरी तय करने में उन्हें पांच घंटे का समय लग गया। जिसके बाद उन्हें गाड़ी से अस्पताल ले जाया गया। लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) देवायल में उनकी हालत को गंभीर बताते हुए डॉक्टरों ने हायर सेंटर रेफर कर दिया। हायर सेंटर ले जाते हुए महिला की मौत हो गई