एसडीआरएफ की टीम ने बचाया वन्य जंतु यहां फसा था यह जीव

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उत्तरकाशी एसकेटी डॉटकॉम

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एसडीआरएफ की टीम मुसीबत में फंसे लोगों के लिए हमेशा देवदूत बनकर आती है। चाहे मामला भूकंप का हो आगजनी का हो बाढ़ का हो अथवा किसी बड़ी दुर्घटना का हो वहां पर टीम पहुंच कर अपने संसाधनों से उन्हें रेस्क्यू कर अस्पताल तक पहुंचाने का काम करती है। एसडीआरएफ की टीम लोगों के अलावा वन्यजीवों को बचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वह जंगली और दुर्लभ प्रजाति के जानवरों को बचाने में अपना विशेष योगदान देती आई है ऐसा ही एक मामला उत्तरकाशी के मणिकर्णिका घाट का सामने आया है जहां गंगा की लहरों के बीच एक हिरण फसकर आ गया वह गंगा के बीच बने एक टापू में फस गया।

इन सबके बीच वन्य जीव संरक्षण के प्रति भी एसडीआरएफ का लगाव आखिर दर्शाता है कि जज्बे के साथ वह हर मुकाम हासिल करने मैं आगे हैं। ऐसे ही शनिवार को SDRF द्वारा पुनः अपनी विशेषज्ञता सिद्ध की है।घटना है जनपद उत्तरकाशी की। जहां SDRF को सूचना प्राप्त हुई कि उत्तरकाशी के मणिकर्णिका घाट के पास एक हिरण का बच्चा भागीरथी की तेज लहरों की चपेट में आने से बहते हुए नदी के बीच बने टापू पर फंस गया है। घटना की जानकारी मिलते ही SDRF रेस्क्यू टीम मय आवश्यक रेस्क्यू उपकरणों के तत्काल मौके पर पहुंची।

0 नदी के बीच से हिरण के बच्चे को सुरक्षित निकालना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था। रेस्क्यू टीम द्वारा मोटरबोट और क्याक के माध्यम से टापू तक पहुँचा गया ।नदी के तेज बहाव से बेपरवाह अत्यंत विषम परिस्थितियों में SDRF रेस्क्यू टीम द्वारा जाल की सहायता से हिरण के बच्चे को डूबने से बचाकर सुरक्षित किनारे लाया गया व वन विभाग को सुपर्द किया गया जहां वन विभाग ने भी एसडीआरएफ का आभार जताया।