राज्य की सड़कों पर दिखने लगा बारिश का असर,जानिए दोनों मंडलों की सड़को के हाल

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राज्य में बारिश के मौसम में भूस्खलन को लेकर मामला सामने ना ऐसा तो हो नहीं सकता और राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के चलते भूस्खलन की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है जिसकी वजह से राज्य की सड़कों पर इसका प्रभाव देखने को मिलता है बता दें कि पहाड़ी जिलों में गढ़वाल से कुमाऊं तक कई ग्रामीण और राज्य मार्ग बंद हैं। कुछ राष्ट्रीय राजमार्ग भी भूस्खलन के कारण बंद हुए हैं। सबसे अधिक 284 ग्रामीण सड़कें बंद हैं। लगातार सड़कों को खोलने के काम जारी है।बुधवार को ऋषिकेश-बदरीनाथ, कर्णप्रयाग-रानीखेत, टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे समेत कई प्रमुख सड़कों पर यातायात बाधित रहा।

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बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग श्रीनगर से 7 किलोमीटर दूर चमधार में मलबा आने की वजह से मंगलवार शाम साढ़े 6 बजे से अवरुद्ध है। यातायात को वैकल्पिक रूट पर डायवर्ट किया गया है। रुद्रप्रयाग में बदरीनाथ और कर्णप्रयाग-रानीखेत हाईवे कई घंटे बंद रहे। मौसम विभाग ने आज भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।कुमाऊं में भूस्खलन से मलबा आने के कारण 45 सड़कें बंद हैं। इसमें चंपावत जिले में टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल है जो शनिवार से बंद है। भारतोली और स्वांला के पास मलबा आने से ये राजमार्ग आवाजाही के लिए बंद है। पिथौरागढ़ में सीमा को जोड़ने वाले चार राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कुल 14 सड़कें बंद है। सभी सड़कों को खोलने का काम चल रहा है।

नैनीताल जिले में दो मोटर मार्ग मलबा आने से अवरूद्ध हैं। प्रदेश में अधिकतर नदियों का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है।हरिद्वार में गंगा का जलस्तर बुधवार को 292.60 मीटर रिकार्ड किया गया, जो खतरे के निशान 294.00 मीटर से नीचे है। गढ़वाल में अलकनंदा गंगा और मंदाकिनी का जलस्तर खतरे के निशान से 3 मीटर नीचे है। एसडीआरएफ की टीमें जल स्तर पर बराबर नजर रखे हुए हैं।अलकनंदा नदी का जलस्तर 534 मीटर के आसपास है। यहां चेतावनी स्तर 535 मीटर है। ऋषिकेश में गंगा चेतावनी निशान से 90 सेंटीमीटर नीचे 338.60 मीटर पर बह रही है। बीन नदी, सौंग, सुवसा और चंद्रभागा नदी उफान पर हैं।