एनएच 74 घोटाले के दस आरोपियों को हाईकोर्ट ने नहीं दी राहत, निचली अदालत के फैसले को बताया सही

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उत्तराखंड हाईकोर्ट में आज चर्चित एनएच 74 घोटाले के दस आरोपियों के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई में एनएच 74 घोटाले के सभी दस आरोपियों को हाईकोर्ट से झटका लगा है। हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया है। साथ ही हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही बताया है।

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जमानत पर हैं घोटाले के आरोपी
बता दें ये सुनवाई न्यायमूर्ति रविंद्र मैथानी की एकलपीठ में हुई। एकलपीठ ने इस मामले में दस आरोपियों पर निर्णय देते हुए सभी की याचिकाओं को निरस्त कर दिया है। मामले में कोर्ट ने 24 अप्रैल को सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था।

ईडी को दिए थे अलग-अलग मुकदमे दर्ज करने के आदेश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मामले में एनएच 74 घोटाले के आरोपी अपर्ण कुमार, दिनेश प्रताप सिंह, भोले लाल, विकास कुमार, संजय कुमार चौहान, भगत सिंह फोनिया, रमेश कुमार, ओम प्रकाश, मदन मोहन पलड़िया, बरिंदर सिंह और बलवंत सिंह ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर कर निचली अदालत के 28 अप्रैल 2022 के फैसले को चुनौती दी थी। निचली अदालत ने ईडी को आदेश दिया था कि इनके खिलाफ अलग-अलग मुक़दमे दर्ज किये जाएं। जिसके बाद ईडी ने सभी के खिलाफ अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए।

सभी शिकायतों को एक ही मुकदमे में सुना जाए
याचिकाओं में कहा गया था कि निचली अदालत का आदेश गलत है। पहले के मुकदमे को वापस नहीं लिया जा सकता। एनएच 74 घोटाले में आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग शिकायतें दर्ज हैं। जबकि किसी के खिलाफ एक तो किसी के खिलाफ दो या तीन मामले दर्ज हैं। डीपी सिंह के खिलाफ सात शिकायतें दर्ज हैं। अगर वह एक केस में उपस्थित नहीं होने का प्रार्थनापत्र देते है तो उन्हें अन्य छह केस में भी प्रार्थनापत्र देना पड़ेगा। ऐसा न करने पर डीपी सिंह के खिलाफ कोई भी आदेश जारी हो सकता है। याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि निचली अदालत के आदेश को निरस्त किया जाए। सभी शिकायतों को इकट्ठा कर एक ही मुकदमे के रूप में सुना जाए।

2017 में हुई थी एनएच 74 घोटाले की पुष्टि
एसआईटी लो टीम ने 2017 में करोड़ों रुपए का एनएच 74 घोटाले की पुष्टि की थी। इसमें कई अधिकारी, कर्मचारी और किसान संलिप्त पाए गए थे। घोटाले में किसान की कृषि योग्य भूमि को अकृषि दिखाकर घोटाला किया गया। एक मार्च 2017 को तत्कालीन आयुक्त सेंथिल पांडियन ने घोटाले की आशंका जताकर यूएसनगर के जिलाधिकारी को जांच के आदेश दिए थे।

जमानत पर हैं घोटाले के आरोपी
जांच सही पाए जाने पर तत्कालीन एसडीएम प्रताप साह ने पंतनगर के सिडकुल ठाणे में मुकदमा दर्ज किया। कई लोगों के नाम सामने आए जिसके बाद उन्हें जेल भेजा गया। बता दें इस मामले में दो आईएएस अधिकारी को भी निलंबित किया गया था। अभी एनएच 74 घोटाले के आरोपी जमानत पर है।