आंदोलन कारियों की बैठक में हुआ निर्णय – सीएम धामी के घर खटीमा से होगी आंदोलन की शुरुवात,भू कानून, राजधानी गैरसैंण और हर घर से एक रोजगार की मांग उठी

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हलद्वानी एसकेटी डॉटकॉम

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उ त्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने एक बैठक के माध्यम से पूरे प्रदेश भर में एक अलख जगाने का फैसला लिया है। इस निर्णय के पीछे सरकारों को राज्य के जन सरोकारों पर सटीक निर्णय लेने के लिए बाध्य करना है।

राज्य के लिए इसलिए संघर्ष नहीं किया गया कि राज्य आंदोलनकारियों को 3000 ₹2 मासिक पेंशन मिल जाए जो कि प्रतिदिन ₹100 बैठती है। इसके अलावा इसके लिए भी आंदोलन नहीं किया गया कि सरकार है हमारे पैसे से ही हमें 300 यूनिट बिजली फ्री देने का वादा करें। राज्य हमने यह इसलिए बनाया कि यहां की बेरोजगारी पलायन और यातायात स्वास्थ्य सुविधा तथा शिक्षा का स्तर सुधर सके।

नगर निगम के सभागार में राज्य आंदोलनकारी एवं देवभूमि व्यापार मंडल के संयोजक अध्यक्ष हुकुम सिंह कुंवर के नेतृत्व में हुई एक बैठक में सभी आंदोलनकारियों ने एकमत होकर गैरसैण राजधानी बनाए जाने प्रदेश में भू कानून लागू किए जाने प्रदेश के प्रत्येक घर से एक व्यक्ति को नौकरी देने तथा प्रदेश की चरमराती स्वास्थ्य एवं शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की वकालत की।

इसके लिए आंदोलन करियो ने इसके ये एक बड़े जन जागरण की आवश्यकता पर बल दिया। इस अभियान की शुरुआत शहीदों की पावन स्थली ख़टीमा से होगी। शहीद स्मारक स्थल से एक बार फिर से जनता को जागृत किया जाएगा कि राज्य बनने के बाद जिस राज्य की मांग के लिए जनता सडको पर उतरी थी। वह वर्तमान तक काबिज किसी भी सरकार ने पूरा नही किया। राज्यान्दोलन से उपजे इस प्रदेश की हालत यहां के शासकों ने बदत्तर कर दी है। कुछ लोंगो ने इन परिस्थितियों का अपने निजी हितों के लिए इस्तेमाल किया। अभी भी प्रदेश काफी पिछड़ा है। स्वास्थ्य एवं शिक्षा की हालत यह है सरकारी स्कूलों की जगह निजो स्कूलों को महत्ता दी। जो आज खुली तरह से लूट मची रहे हैं।

कोरोना काल मे पहाड़ में पेरासिटामोल तक कि गोली उपलब्ध नही थी। वही मैदानी क्षेत्रों में निजी अस्पतालों ने जनता को बेड के नाम पर ब्लैक मेल किया। इसलिए जनता को जागृत करने की आज पखले से ज्यादा जरूरत है।

बैठक मे तारादत्त पांडेय,एनके कपिल, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष एवम राज्यान्दोलनकारी राजेंद्र खनवाल, डॉ बालम बिष्ट, जगमोहन चिलवाल, भुवन जोशी, पुष्पा नेगी, शोभा बिष्ट, शशि वर्मा, माला वर्मा, समीर आर्य, सुशील भट्ट प्रधान, रमेश जोशी, समेत कई दर्जनों राज्य आंदोलनकारी मौजूद रहे।