पुण्डरीकाक्ष इंस्टिट्यूट के बच्चे हुए ठगी के शिकार कमिश्नर ने दिए यह आदेश अब प्रबंधन के खिलाफ होगी एफआईआर (देखए वीडियो कमिश्नर ने क्या कहा)

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Haldwani skt. com

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कमिश्नर दीपक रावत के दरबार में पुंडरीकाक्ष इंस्टिट्यूट के बच्चों का मामला एक बार फिर सामने आया बच्चों ने बताया कि उनका एडमिशन दूसरे कॉलेज में पुंडरीकाक्ष प्रबंधन द्वारा नहीं कराया गया है जिससे वह दर-दर भटक रहे हैं।

बृहस्पतिवार को कमिश्नर के जनता दरबार में यह बच्चे दोबारा पहुंचे तो कमिश्नर में पुलिस के माध्यम से इंस्टिट्यूट के संचालक को बुलाने को कहा लेकिन संचालक पुलिस के हत्थे नहीं लगा इस मामले में कमिश्नर से जानकारी लेने के बाद यह पता चला कि उन्होंने पुलिस को इस मामले में एफआईआर तथा कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं

गौलापार का पुण्डरीकाक्ष इंस्टिट्यूट जो की पैरामेडिकल का कोर्स करता है ने यहां एडमिशन ले चुके बच्चों के साथ बहुत बड़ा फ्रॉड किया है फीस समेत कई तरह के चार्ज जमा करने के बाद जब कुछ बच्चे कोर्स पूरा होने के बाद नौकरी के लिए अप्लाई कर रहे थे तो इंस्टिट्यूट का काला सच सामने आ गया इसके पैरामेडिकल काउंसिल में रजिस्टर्ड नहीं है तथा यहां से की हुई किसी भी प्रकार के कोर्स की कोई वैल्यू नहीं है।

इसके बाद 50 से अधिक बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया इन्होंने जगह-जगह उनकी शिकायत की लेकिन प्रबंधन के दबाव में उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हुई इसके बाद मजबूरन की एक कमिश्नर के दरबार में पहुंचे कमिश्नर में इन मामले को सुनते हुए पुण्डरीकाक्ष का इंस्टिट्यूट के संचालक को इनका ऐडमिशन के संबंध में जानकारी ली तो प्रबंधन में बताया कि वह दूसरे इंस्टिट्यूट में उनका एडमिशन कर रह रहा है लेकिन एक महीना से अधिक गुजरने के बाद भी उनका कहीं भी एडमिशन नहीं हुआ है। छात्र-छात्राओं ने बताया कि प्रबंधन फ्रॉड तरीके से उन्हें धोखा देता आया है उनके द्वारा दूसरे इंस्टिट्यूट में जमा धनराशि के दोनों चेक बोन्स हो चुके हैं इसके बाद भी प्रशासन में शिकायत करने के बाद उनकी नहीं सुनी जा रही है उन्होंने कहा कि उनका एडमिशन दूसरी जगह करने के साथ फ्रॉड करने के लिए प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए ।

इधर इस मामले में कमिश्नर दीपक रावत से जानकारी चाहने के बाद उन्होंने कहा कि प्रबंधन को समय दिया गया ताकि वह आपसे बातचीत से मामले को समझा ले तथा इन बच्चों के भविष्य को देखते हुए इनका एडमिशन दूसरी जगह कराया जाए प्रबंधन द्वारा इस तरह का शासन भी दिया गया लेकिन अभी तक बच्चों का कहीं एडमिशन नहीं हुआ है जिससे बच्चे डर-डर की ठोकरे खा रहे हैं।