रोजी-रोटी के संकट में रोड़ में उतरे वाहन स्वामी, किया संकेतिक नेशनल हाईवे जान

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गौला नदी में खनन कार्य प्रारंभ होते ही खनन व्यवसाय में काले बादल छाने लगे हैं जिस प्रकार क्रेशर स्वामियों ने एक सप्ताह पहले खनन ढुलान का रेट 25₹ प्रति कुंटल तय किया, उससे सभी वाहन स्वामी भड़क गए और सभी ने संयुक्त रुप से गैला में वाहन चलाने से मना कर दिया। इस बीच वाहन स्वामी कई जनप्रतिनिधियों से इस मुद्दे पर मिले, यहां तक की इस मुद्दे पर माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को भी वाहन स्वामियों ने ज्ञापन सौंपा है लेकिन अभी तक इस मुद्दे पर कोई भी निर्णय सामने नहीं आया है। एक तरफ क्रेशर स्वामी खनिज ढुलाई का रेट बढ़ाने को तैयार नहीं है तो दूसरी तरफ वाहन स्वामी भी इतने कम रेट में वाहन चलाने को राजी नहीं हैं।

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वाहन स्वामियों का कहना है कि पिछले वर्ष जब गैला नदी में खनिज बंद हुआ उस समय ₹ 31 प्रति कुंतल ढुलाई का रेट था और इस वर्ष प्रारंभ से ही ₹ 25 प्रति कुंटल ढुलाई का रेट किस पैमाने पर खरा उतरता है जबकि महंगाई बढ़ती ही जा रही है। वाहन स्वामियों ने आज अपनी रोजी-रोटी के संकट को देखते हुए क्रेशर स्वामियों के खिलाफ नारे लगाए और खनन नीति के विरोध में मोटाहल्दू में सांकेतिक रोड़ जाम किया साथ ही राज्य खनन नीति की प्रतियों को भी जलाया ताकि शासन-प्रशासन की नींद खुल सके। वाहन स्वामियों का कहना है कि यदि क्रेशर स्वामी खनन ढुलाई का रेट नहीं बढ़ाते और शासन-प्रशासन के द्वारा इस मामले पर कोई सहयोग नहीं किया जाता तो 31 दिसंबर 2021 तक सभी वाहन स्वामी सामूहिक रूप से अपने वाहनों के कागजों को आरटीओ ऑफिस में सरेंडर कर देंगे जो कि अपने आप में एक ऐतिहासिक निर्णय होगा। वाहन स्वामियों ने आज से इस आंदोलन को तीव्र गति से बढ़ाने का संकल्प लिया है। उक्त सांकेतिक नेशनल हाईवे जाम में गोरापड़ाव, मोटाहल्दू, बेरीपड़ाव और हल्दुचौर क्षेत्र के कई वाहन स्वामी सम्मिलित रहे।