माओवादी गतिविधियों से जुड़े मोस्ट वांटेड भास्कर पांडे को एसटीएफ और पुलिस ने किया गिरफ्तार
राज्य में अब तक की बड़ी खबर सामने आ रही है जानकारी के अनुसार बता दे कि उत्तराखंड में माओवादी गतिविधियों की जड़ें जमाने वाले आखिरी मोस्ट वांटेड को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है 2022 में विधानसभा चुनाव को टारगेट कर अपनी रणनीति अख्तियार करने अल्मोड़ा पहुंचे माओवादी भास्कर पांडे को एसटीएफ और पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया बताया जा रहा है कि कुछ दिन पूर्व वह दिल्ली से अल्मोड़ा पहुंचा था।महज 10 साल की उम्र से ही सरकार विरोधी विचारधारा वाले भास्कर पांडे ने बचपन में बिनसर आंदोलन में भाग लिया, पढ़ाई में शुरू से कमजोर भास्कर हाईस्कूल फेल हुआ तो उसने स्कूल जाना छोड़ माओवादी नेताओं के आंदोलनों में सक्रियता बढ़ाई। बताया जाता है कि उत्तराखंड के किसी भी जिले में आंदोलन हो तो उसे धार देने के लिए खीम सिंह बोरा, देवेंद्र चम्याल, गोपाल भट्ट समेत कई माओवादी के साथ अपना गैंग बढ़ाया था।
यूपी पुलिस द्वारा बरेली से 2019 में खीम सिंह बोरा को गिरफ्तार किया गया था इसके बाद भास्कर पांडे अकेला पड़ गया था लेकिन उत्तराखंड में उसने अपने करीबियों के साथ संपर्क बनाए रखें, खीम सिंह की गिरफ्तारी के बाद भास्कर बिहार, पंजाब और झारखंड के कई इलाकों में रहा जहां उसने माओवादियों के साथ मिलकर काम करना शुरू किया।
बताया जा रहा है कि मोस्ट वांटेड भास्कर पांडे को पकड़ने के लिए पुलिस और एसटीएफ पिछले 3 सालों से जाल बुन रही थी, दिल्ली मैं पिछले 1 साल से भास्कर किसान आंदोलन में शामिल था, बार-बार हुलिया बदलकर पंजाब, झारखंड और तमाम माओवादी गतिविधि इलाकों में वह रह रहा था। बताया जा रहा है कि भास्कर सोमवार को हल्द्वानी रेलवे स्टेशन में राजेश नाम के एक युवक से कुछ सामान लेने के लिए आया था जिसके बाद भास्कर भागने की फिराक में था, अल्मोड़ा पुलिस और एसओजी उसका पीछा करते हुए यहां आए थे, अल्मोड़ा से निकलने से पहले ही उसे रास्ते में गिरफ्तार कर लिया गया।
उत्तराखंड पुलिस की माओवाद के ताबूत में आखिरी कील
1)उत्तराखंड का सबसे वरिष्ठ माऊिस्ट लीडर भास्कर पांडे आज अल्मोड़ा पुलिस और एसटीएफ उत्तराखंड के ज्वाइंट एक्शन में गिरफ्तार किया गया
2)भास्कर पांडे 20000 का इनामी अपराधी था
3) 2017 के अल्मोड़ा और नैनीताल के लोक संपत्ति अधिनियम और विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत था तीन मुकदमे , इसमें फरार था
4)शासन के लिए 50000 का इनाम बढ़ाने हेतु प्रस्ताव भेजा गया था
5)भास्कर पांडे हल्द्वानी में एक कोरियर जिसका नाम व राजेश बता रहा था को पेनड्राइव तथा कुछ लिखित मटेरियल देने जा रहा था हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास
6)भास्कर पांडे इस दौरान किसान आंदोलन में भी काफी सक्रिय था
7)भास्कर पांडे खीम सिंह बोरा का सबसे खास साथी माना जाता है जिसे यूपी एसटीएफ ने पकड़ा था.
8) इस दौरान भास्कर पांडे द्वारा भारत में कई जगह ट्रेनिंग ली गई मोओवाद से संबंधित
10)उसने अपने कई साथियों के साथ मिलकर यहां अपने क्रियाकलापों को क्रियाकलापों को अंजाम देने की कोशिश की
11) उत्तराखंड का आखरी वांटेड माओवादी
12 )2017 इलेक्शन में धारी तहसील में धारी तहसील की जीप जलाई थी
13) उत्कृष्ट कार्य हेतु माननीय पुलिस महानिदेशक द्वारा टीम को 20000 का इनाम तथा मेडल की घोषणा की गई है
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