बनी हुई वसीयत को किन आधारों पर दे सकते हो चुनौती जानिए

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अक्सर देखा जाता है कि पारिवारिक मामलों में वसीयत न होने पर परिवार के सदस्य द्वारा विरोध का सामना करना पड़ता है इसके कारण परिवार में विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है वह वसीयत के जरिए अपनी दावेदारों में प्रॉपर्टी का बंटवारा करता है तो संदर्भ में विवाद की स्थिति कम पैदा होती है

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वसीयत से असंतुष्ट होने की स्थिति में ऐसे पुख्ता आधार होने जरूरी हैं. जिससे न्यायालय में आप अपना पक्ष मजबूती से रख सकें. आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

वसीयत के द्वारा कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति को दावेदारों में बांटता है. वसीयत ना होने की स्थिति में अक्सर संपत्ति के बंटवारे को लेकर विवाद होते हैं. आमतौर पर वसीयत लिख जाने से विवाद की स्थिति पैदा होने की गुंजाइश कम होती है.

किन आधारों पर वसीयत को दे सकते हैं चुनौती-


वसीयत लिखे जाने के समय अगर इससे संबंधी प्रावधानों और उससे जुड़ी प्रक्रिया के साथ ही प्रोपर कागजी काम नहीं हुआ है,तो ऐसे में आप न्यायालय में वसीयत संबंधी मामले को लेकर जा सकते हैं.


अगर संपत्ति के मालिक ने अपनी वसीयत बिना इच्छा के बनाई है,तो यह एक मजबूत आधार बन सकता है. लेकिन इस दावे को सही साबित करने के लिए आपके पास पुख्ता सबूत होना जरूरी हैं.

अगर संपत्ति का मालिक वसीयत बनाने के समय मानसिक रूप सही ना रहा हो,नशे की स्थिति में हो  या ऐसी स्थिति में हो जब वह सही और गलत के बीच के फर्क में ठीक से अंतर ना कर पा रहा हो,तब यह भी वसीयत को चुनौती देने का एक मजबूत आधार है. हालांकि इसका भी ठोस प्रमाण आपके पास होना चाहिए.


अगर वसीयत धोखे से,फर्जीवाड़े से,लालच देकर या अन्य अवैध तरीके से बनवाई गई है तो कोर्ट में सबूत देकर वसीयत को चुनौती देने का यह एक आधार है. 
अगर वसीयत में संपत्ति का बंटवारा न्यायपूर्ण तरीके से नहीं किया गया है. भेदभाव और गलत बंटवारे की स्थिति में भी कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते है

ले सकते हैं वकीलों की मदद
हालांकि वसीयत को चुनौती देने में कानूनी  प्रक्रियाओं की पेचीदगी का आपको सामना करना पड़ेगा. ऐसे में यह जरूरी है कि आप इस मामले के विशेषज्ञ वकील की मदद ले मदद