उत्तराखंड में 23 से ज्यादा स्थानों पर सुलगे जंगल, शुष्क हवा बन रही कारण

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प्रदेश में इन दिनों शुष्क हवाएं चल रही है। जो आग को हवा दे रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले 24 घंटे के भीतर सात स्थानों पर जंगल धंधके हैं। जबकि चार दिनों में वनाग्नि की 23 से ज्यादा घटनाएं दर्ज की गई। इससे 25 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल जला है।

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बारिश पर टिकी आस
आगामी दिनों में केवल बारिश पर ही आस टिकी हुई है। अगर बारिश नहीं होती है तो गर्मी के साथ साथ शुष्क हवाएं आग की घटनाओं में वृद्धि ला सकती है। वन विभाग की विंग, वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन विभाग की और से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार पीछे 24 घंटे में गढ़वाल में पांच, कुमाऊं मंडल में एक और संरक्षित वन्यजीव क्षेत्रों में भी एक घटना हुई है।

इस साल 331 जगह धधके जंगल
इस साल वनाग्नि काल में अब तक 331 जगह जंगलों में वनाग्नि की घटना घटित हुई है। जिनमें 405 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है। इसके साथ ही 11 लाख से ज्यादा का आर्थिक नुकसान मापा गया है। बता दें वनाग्नि की घटनाओं में अभी तक दो लोगों की मौत तो दो लोग घायल भी हुए हैं।

बीते चार दिनों में वनाग्नि से इतना हुआ नुकसान
रिपोर्ट्स के मुताबिक वनाग्नि से 11 मई को प्रदेश में पांच स्थानों पर जंगल धधके जिसमें छह हेक्टेयर का नुकसान मापा गया है। जबकि 12 मई को पांच घटनाएं हुई जिसमें 9.45 हेक्टेयर का नुकसान हुआ है। 13 मई को तीन घटनाएं सामने आई जिसमें 3.01 हेक्टेयर का नुकसान मापा गया है। वहीं 14 मई को सात घटनाएं हुई है। जिसमें 7.03 हेक्टेयर का नुकसान हुआ है।

जानकारी के मुताबिक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधक के मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा ने बताया कि प्रदेश में वनाग्नि कि घटनाओं पर काबू पाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इस बार जंगल में आग बुझाने के लिए कुछ नए प्रयोग भी किए गए हैं। जिसमें सफलता मिली है। विभाग का फोकस रिस्पांस टाइम को कम करना है। ताकि आग को फैलने से रोका जा सके।