राजीव को याद करना छोड़ दावेदारी पर झगड़े कांग्रेसी , वीडियो वॉयरल हुकुम ने कहा मैं हूँ माई ***

Ad
Ad
ख़बर शेयर करें

हल्द्वानी एसकेटी डॉटकॉम

कॉन्ग्रेस पार्टी को उसके लोकप्रिय कार्यों एवं कर्मचारियों के हितों में निर्णय लेने के लिए सबसे अधिक पसंदीदा पार्टी के रूप में याद किया जाता है। प्रदेश की जनता उनसे सत्ता सत्ता में का बीज कराना चाहती है लेकिन कांग्रेसियों की कोई क्या माने यह तो आपस में ही सिरफुटौव्वल करने की स्थिति में आ गए हैं

वाक्य था राजीव गांधी की जयंती पर उन्हें याद करने का। लेकिन यहां नेतागिरी का अपना ही शख्स का है कोई नेता किसी के पक्ष में बयान बाजी कर उसका चेहता बनना चेहता हो तो ऐसे में बात इतनी बिगड़ जाएगी ऐसा खुद नेता जी ने भी सोचा नहीं होगा।

ऐसा ही एक वाकया आज स्वराज आश्रम हल्द्वानी में हुआ जहां कांग्रेस जन पूर्व प्रधानमंत्री एवं कंप्यूटर के जनक स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए थे। लेकिन वहां अपने विचार व्यक्त करते समय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एक बाल भारती ने चुनावी तान छोड़ते हुए सुमित हृदेश को अगला कांग्रेस उम्मीदवार डिक्लेअर करते हुए कहा कि उसके खिलाफ कोई भी प्रत्याशी पार्टी से दम नहीं भर सकता है कोई भी माई का लाल ऐसा नहीं कर सकता है।

उनका इतना ही कहना था कि कई कांग्रेसियों ने इसका विरोध करते हुए कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद के नारे लगाए और कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता हुकुम सिंह कुंवर ने अपने स्थान पर खड़े होकर कहा कि मैं हूं माई का लाल जो हल्द्वानी से टिकट के लिए अपना दम होत हूं इसके साथ ही कई अनु नेताओं ने कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद के नारे लगाए जिसमें विजय सिजवाली जया कर्नाटक शशि वर्मा और शोभा बिष्ट समेत कई नेत्रियां शामिल हैं। इन में से कई ने तो अपनी-अपनी दावेदारी भी पेश कर दी।

कांग्रेस ने जिस तरह से संभावित दावेदारों द्वारा अपने अपने समर्थ की समर्थकों के साथ कार्यक्रम कर रहे हैं उससे यह जरूर है कि कांग्रेस का प्रचार हो रहा है लेकिन कार्यकर्ता अंदर खाने बटे हुए हैं एक के समर्थक कार्यकर्ता दूसरे के समर्थक कार्यकर्ताओं को फूटी आंख नहीं देख रहे हैं जिससे निश्चित रूप से पार्टी को नुकसान हो सकता है। कांग्रेस का अनुशासन भाजपा जैसा कड़ा नहीं है कि वह उन्हें अपने अनुशासन के डंडे के बल पर सही रास्ते पर ले आए। जिस तरह से ऐसे कार्यक्रमों में कांग्रेस द्वारा अपने अपने नेताओं के नाम लिए जा रहे हैं उससे निश्चित रूप से आने वाले समय बढ़ेगी और नेताओं में आपस में वैमनस्य बढ़ने के साथ कार्यकर्ता कभी भी एक दूसरे से लड़ सकते हैं।

चुनाव में जहां विपक्षी पार्टी से भेजना होता है वही चुनाव से पहले अपनी पार्टी में भी टिकट के लिए अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करनी होती है जिसके लिए संभावित दावेदार अपनी तैयारी भी करते हैं। लेकिन टिकट आखिरकार एक ही दावेदार को मिलेगा जिसके बाद दूसरे दावेदार के समर्थक कितना पार्टी के प्रति समर्पित रह पाते हैं यह तो हमेशा ही देखा जाता है लेकिन हल्द्वानी में वरिष्ठ नेत्री डॉ इंदिरा एंड देश के निधन के बाद अब चारों ओर से दावेदारों की संख्या बढ़ती जा रही है ।

माना यह जा सकता है कि जिस ढंग से एक बड़े बड वृक्ष के नीचे छोटे-छोटे कई पौधे जिन्हें आज तक धूप नहीं मिली होती है वह बढ़ नहीं पाते हैं। लेकिन जब बड़े बट वृक्ष के जाने से खाली जमीन पर नए नए पौधे पहले आने लग लग जाते हैं उसी तरह से हल्द्वानी विधानसभा की स्थिति भी बन गई है।