बैकडोर से भर्ती विधानसभा कर्मियों को हाईकोर्ट ने दिया तगड़ा झटका

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हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के स्टे को किया खारिज

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विधानसभा में बैक डोर से भर्तियों पर उत्तराखंड हाई कोर्ट की सिंगल बेंच द्वारा दिए गए स्टे को हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली डबल बेंच ने खारिज कर दिया है अब बैक डोर से भर्ती हुए कर्मचारियों को हाई कोर्ट के द्वारा एक जोर का झटका लगा गया है इससे पहले इनके द्वारा हाईकोर्ट में अपील की गई थी।

कि उन्हें हटाने से पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया है जिसकी वजह से उन्हें इस तरह से हटाया नहीं जा सकता है जिस पर सिंगल बेंच ने सुनवाई करते हुए उनको निकाले जाने पर स्टे दे दिया था जिसके बाद वह अपनी विधानसभा में पुनः एंट्री की संभावना देख रहे थे।

लेकिन सरकार सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली डबल बेंच में अपील करने चली गई थी जिसके बाद आज भी सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की बेंच ने इस मामले को सुना और सिंगल बेंच द्वारा दिए गए निर्णय पर स्टे हटा दिया है गौरतलब है कि विधानसभा में पिछले 6-7 सालों से 300 से अधिक लोगों को विभिन्न पदों पर विधानसभा अध्यक्षों द्वारा नियुक्ति दी गई थी इस नियुक्ति के लिए ना तो कोई विज्ञप्ति जारी हुई थी ।

और ना कोई परीक्षा आयोजित हुई थी इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कड़ा रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री की अपील के बाद इन सभी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था जिसके बाद यह सभी कर्मचारी एकमत होकर हाई कोर्ट गए और सिंगल बेंच ने उनके पक्ष में निर्णय दिया था लेकिन सरकार डबल बेंच में चली गई और आज डबल बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए सिंगल बेंच के निर्णय पर दिए गए स्टे को हटा दिया है

जिसके बाद बैक डोर से भर्ती विधानसभा के सभी कर्मचारियों को एक बार फिर झटका लगा है और यह लड़ाई और आगे बढ़ती है या सरकार इन पर कड़ा रुख अपनाती है यह देखने वाली बात होगी विधानसभा अध्यक्ष जीतू भूषण खंडूरी ने पिछले दिनों कहा था कि वह किसी भी कीमत पर बैक डोर भर्तियों को स्वीकार नहीं करेंगी जिसके बाद सरकार डबल बेंच में गई थी