हल्द्वानी -जिला बदर होने के बाद भी अपराधी कर रहे मौज, पुलिस को नहीं हो रही कानों कान खबर

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Gangster in haldwani gang rape, : ठीक है पुलिस ने तेजी से दिखाते हुए गैंग रेप के मामले का पटाक्षेप कर दिया, लेकिन फिर भी पुलिस सवालों के कटघरे में है। दरअसल, चार आरोपियों में से एक ऋषि उर्फ मनोज पेशेवर अपराधी और गैंगेस्टर है। इस आदतन अपराधी को बनभूलपुरा पुलिस ने पिछले साल जिला बदर किया था, लेकिन जिला बदर का उलंघन कर ये न सिर्फ लौट आया बल्कि पुलिस की नाक के नीचे मौज काटता रहा।
ऋषि सागर उर्फ मनोज कुमार पुत्र स्व. गंगावासी निवासी गोजाजाली स्थाई पता लाइन नंबर 16 कब्रिस्तान गेट के पास बनभूलपुरा पर बनभूलपुरा थाने में आधा दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। इस पर गैंगेस्ट लगाने के बाद बनभूलपुरा पुलिस ने पिछले साल 19 नवंबर को जिला बदर कर दिया था। बनभूलपुरा थाने का एक एसआई इसे ऊधमसिंहनगर की सीमा पंतनगर पर छोड़ कर आया और कड़ी हिदायत दी कि वह 6 माह से पहले नैनीताल जिले की सीमा में दाखिल नहीं होगा।
इस लिहाज से 19 मई से पहले ऋषि को जिले में वापसी की इजाजत नहीं थी। बावजूद इसके वो न सिर्फ लौट आया, बल्कि पुलिस की नाक के नीचे घूम-घूम कर मौज काटता रहा। अब अपहरण और छेड़छाड़ जैसे संगीन महिला अपराध का आरोपी ऋषि बीती शनिवार को अपने अपराधी दोस्तों के साथ कार में पूरे शहर में फर्राटा भरता रहा, लेकिन पुलिस को शहर की उसकी मौजूदगी की भनक तक नहीं लगी।
ये है गैंगेस्टर ऋषि उर्फ मनोज का आपराधिक इतिहास

  1. एफआईआर नंबर 85/15 धारा-13 जुआ अधिनियम थाना बनभूलपुरा।
  2. एफआईआर नंबर 89/16 धारा-452/323/504/506 थाना बनभूलपुरा।
  3. एफआईआर नंबर 52/18 धारा 323/34/307/504 /506
  4. एफआईआर नंबर 58/18 धारा 2/3 गैंगेस्टर एक्ट
  5. एफआईआर नंबर 326/21 धारा-13 जुआ अधिनियम थाना बनभूलपुरा।
  6. एफआईआर नंबर 350/21 धारा-13 जुआ अधिनियम थाना बनभूलपुरा।
  7. एफआईआर नंबर 165/22 धारा-13 जुआ अधिनियम थाना बनभूलपुरा।
    सिर पर बंधना था सेहरा, जीजा संग हाथ में लगी हथकड़ी
    लड़की के अपहरण और छेड़छाड़ में से दो जीजा और साले हैं। दुर्गा कालोनी गौजाजाली निवासी 38 वर्षीय मनोज, देवलचौड़ बंदोबस्ती निवासी 30 वर्षीय धम्मी उर्फ धमकीर्ति उर्फ सोनू का जीजा है। घटना के दिन दोनों कार में साथ थे। मजे की बात यह है कि सोनू की इसी 18 फरवरी को शादी है। कार्ड छप कर बंट चुके हैं और खरीदारी जोरों पर हैं। इससे पहले सिर पर सेहरा बांध कर सोनू नेपाल स्थित अपनी ससुराल जाता, हाथ में हथकड़ी लग गई और जीजा के साथ वो भी अंदर हो गया।
    पांच माह पहले हुई थी ऋषि की शादी, मनोज का सट्टे का धंधा
    कार में जितने भी लड़के थे सब युवा और अपराध के दलदल में धंसे हुए थे। पता लगा है कि नशे के लती ऋषि की पांच माह पहले ही शादी हुई थी। वह नशे का इस कदर लती था कि परिजनों को उसे नशा मुक्ति केंद्र भेजना पड़ा। करीब एक साल बाद जब नशा मुक्ति केंद्र से बाहर आया तो बमुश्किल उसकी शादी हुई। जबकि मनोज पेशेवर सट्टोरिया है। फिर वह पर्ची का सट्टा हो या फिर मैच पर सट्टा लगवाना हो। मनोज का एक चेला (गोल्डन बाबा) इन दिनों सट्टा किंग है और लग्जरी जिंदगी जी रहा है। ऋषि भी इसी धंधे में लिप्त बताया जाता है।
    अपहरण भी झूठा, खुद फ्रंट सीट पर बैठी लड़की
    पुलिस ने जितने भी सीसीटीवी खंगाले हैं, उनमें कहीं भी अपहरण की कहानी साबित होती नहीं दिख रही। सूत्रों का कहना है कि जिस स्थान से अपहरण होना बताया गया, लड़की वहां से खुद कार की फ्रंट सीट पर बैठी। उसे कार में खींचते हुए नहीं देखा गया। रात काठगोदाम के पेट्रोल पंप पर कार में पेट्रोप भराया गया, लेकिन लड़की ने यहां भी बचने की कोशिश नहीं की। फिर कार कुसुमखेड़ा स्थित एक शराब के ठेके पहुंची। यहां से शराब खरीदी गई और यहां भी भारी भीड़ होने के बावजूद लड़की ने मदद के लिए शोर नहीं मचाया।
    सट्टे की कमाई से खरीदी थी मनोज ने नई कार
    पुलिस ने आरोपियों के पास से बिना नंबर की नई सफेद रंग की टाटा पंच कार बरामद की है। ये 38 वर्षीय दुर्गा कालोनी निवासी मनोज की है। सूत्रों का कहना है कि मनोज पेशेवर सटोरिया है और सट्टे के धंधे से ही उसने ये कार खरीदी है। पता यह भी लगा है कि मनोज के पास ऐसा दूसरा कोई काम नहीं, जिससे वह लाखों की कीमत वाली कार खरीद पाता। फिलहाल, पुलिस का कहना है कि वह मनोज संग गिरफ्त में सभी आरोपियों के काम धंधे के बारे में पता कर रही है। साथ ही यह भी कार कैसे खरीदी गई