Corruption In India: अधिकारी के पास दो करोड़ से ज्यादा नकद बरामद

Ad Ad
ख़बर शेयर करें

Corruption In India: भारत में भ्रष्टाचार की संस्कृति रही है. भ्रष्टाचार की इस संस्कृति का पोषक धार्मिक व्यवस्था है. भगवान को भोग, प्रसाद और मंदिर की दान पेटी में चढ़ावा चढ़ाने से ईश्वर खुश हो सकता है. पंडित को दक्षिणा देने से पुण्य मिल सकता है. मस्जिद में चंदा या जकात के नाम पर धन खर्च करने से अल्लाह खुश हो सकता है. धर्म की इस मानसिकता ने ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है. आम आदमी भ्रष्टाचार की इस मानसिकता में आकंठ डूबा हुआ है. यही कारण है की पूरा सिस्टम भ्रस्टाचार की गर्त में समाया हुआ है.

सीबीआई ने गुवाहाटी में राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के एक कार्यकारी निदेशक की तलाशी के दौरान 2.62 करोड़ रुपए नकदी जब्त की और अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया. कार्यकारी निदेशक रितेन कुमार सिंह की तलाशी के दौरान सीबीआई ने 2.62 करोड़ रुपए नकद और देश भर में उन के और उन के परिवार के सदस्यों के नाम नौ प्रापर्टीज और 20 अपार्टमेंट के दस्तावेज जब्त किए. तलाशी के दौरान महंगी गाड़ियों की खरीद से संबंधित दस्तावेज भी जब्त किए गए.

कार्यकारी निदेशक रितेश कुमार सिंह असम के गुवाहाटी में एनएचआईडीसीएल के औफिस में तैनात थे. सीबीआई का आरोप है कि रितेश कुमार सिंह ने एक निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने के एवज में मोटी रिश्वत ली थी. सीबीआई ने इस मामले में कोलकाता की एक कंपनी मोहन लाल जैन के प्रतिनिधि बिनोद कुमार जैन को भी गिरफ्तार किया है.

बड़े अधिकारियों के घरों से करोड़ों की नगदी, सोनाचांदी, प्रापर्टीज के कागजात मिलना कोई नई बात नहीं है. सिस्टम में चपरासी हो या कोई बड़ा अधिकारी घूसखोरी में ज्यादातर लिप्त ही होते हैं. यही कारण है की ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (CPI) में भारत 180 देशों में से 96वें स्थान पर है