उत्तराखंड की किताबों से मुगलों का इतिहास हटाने पर गरमाई सियासत

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उत्तराखंड में भी बच्चे अब मुगलों का इतिहास नहीं पढ़ेंगे। प्रदेश की किताबों से मुगलों का इतिहास हटाने से सियासत गरमा गई है। जहां भाजपा द्वारा इसे स्वागत योग्य कदम बताया जा रहा है। तो वहीं कांग्रेस का कहना है कि किसका इतिहास गायब हुआ और किसका रखा गया ये बातें बेमानी हैं। देश में एक नए तरीके से इतिहास लिखा जा रहा है।

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उत्तराखंड में किताबों से हटा मुगलों का इतिहास
प्रदेश में किताबों से मुगलों का इतिहास हटा दिया गया है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने आगामी शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए इतिहास की किताबों से मुगलों का इतिहास हटाने का निर्णय लिया है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी का पैटर्न लागू है। जिसके तहत इसी साल से एनसीईआरटी का बदलाव लागू हो जाएगा।


11 वीं और 12 वीं में बच्चे नहीं पढ़ पाएंगे ये चैप्टर
एनसीईआरटी ने 11 वीं की किताब से इस्लाम का उदय, संस्कृतियों में टकराव, औद्योगिक क्रांति, समय की शुरुआत के चैप्टर सिलेबस से हटाए हैं।
जबकि 12वीं इतिहास की किताब से ‘अकबरनामा’ (अकबर के शासनकाल का आधिकारिक इतिहास) और ‘बादशाहनामा’ (मुगल सम्राट शाहजहां का इतिहास) के चैप्टर को हटा दिए गए हैं।


इसके अलावा 12 वीं की नागरिक शास्त्र की किताब में राजनीति से जन आंदोलनों का उदय और एक दल (सीपीएम) के प्रभुत्व के दौर के चैप्टर में भी बदलाव किया गया है।


किताबों से मुगलों का इतिहास हटने पर गरमाई सियासत
प्रदेश में किताबों से मुगलों का इतिहास हटाए जाने के बाद सियायत गरमा गई है। जहां एक ओर इस मामले में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट का कहना है कि सीएम पुष्कर सिह धामी भी इस बात पर फोकस कर रहे हैं कि बच्चों को वही पढ़ना चाहिए जो बच्चों के लिए प्रेरक हो।


बच्चों को जो पढ़ाएंगे या सिखाएंगे वो उसी अनुरूप आचरण करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुगल न तो प्रेरक हो सकते हैं और न ही प्रेरणा स्त्रोत। लिहाजा मुगलकाल का चैप्टर हटाना स्वागत योग्य कदम है।


देश में एक नए तरीके से लिखा जा रहा इतिहास- कांग्रेस
वहीं इस मामले में कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि किसका इतिहास गायब हुआ और किसका रखा गया ये बातें बेमानी हैं। लेकिन बात बस इतनी है कि 2014 के बाद भारत देश आजाद हुआ है।


देश में एक नए तरीके से इतिहास को लिखा जा रहा है। ऐसे में इस इतिहास में किसको महान और किसको गौण कर दिया जाएगा। ये जिसके हाथ में सत्ता है वो तय करेगी।