कोर्ट का न्याय-दुष्कर्म पीड़िता तो मुकरी ही , साथ पिता ने भी बदला बयान फिर भी आरोपी को हो गई इतनी बड़ी सजा

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रामनगर में 13 साल की लड़की से नाई ने दुष्कर्म किया। मामला कोर्ट पहुँचा और पीड़िता ने कहा दिया कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ ही नही। हद तो तब हुई जब वादी लड़की का बाप भी बयान से पलट गया। बावजूद इसके दुष्कर्म साबित हुआ और दुष्कर्मी को सजा हुई। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट नंदन सिंह राणा की कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार मानते हुए 10 साल की कैद और आर्थिक जुर्माने की सजा सुनाई है।
लोक सेवा अभियोज पॉक्सो कोर्ट नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि 11 अक्तूबर 2020 को रामनगर क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति ने अपनी 13 वर्षीय बेटी से दुष्कर्म की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई थी। आरोप था कि जब उसकी बेटी दुकान पर सामान लेने जा रही थी। तभी इलाके में ही नाई की दुकान चलाने वाले नावेद ने उसकी बेटी को बुलाया और कमरे में उससे दुष्कर्म किया। इसकी भनक लगने पर पीड़िता के परिवार वाले भी मौके पर पहुंचे लेकिन आरोपी किसी तरह मौका देखकर वहां से फरार हो गया।
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने गंभीरता पूर्वक किशोरी की उसी दिन मेडिकल जांच भी कराई। वहीं आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर मामला कोर्ट पहुंचा दिया। मामले की जब सुनवाई शुरू हुई तो दवाब में आकर किशोरी और उसका परिवार घटना से मुकर गए। यहां तक कि पीड़िता ने कोर्ट में खुद अपने साथ घटना न होने की बात कह डाली। वहीं अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट और पुलिस व फॉरेंसिक टीम के जुटाए नमूनों की फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। दोनों रिपोर्ट पूरी तरह मेल खा रही थीं।
रिपोर्ट और किशोरी की मेडिकल जांच करने वाले डॉक्टर व फॉरेंसिक एक्सपर्ट सहित आठ लोगों की गवाही के आधार पर विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट नंदन सिंह की कोर्ट ने आरोपी नावेद को दोषी करार देते हुए 10 साल के सश्रम कारावास और 20 हजार रुपये के आर्थदंड की सजा सुनाई है।

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