यहां नामी-गिरामी अस्पताल में उपचार के दौरान युवक की हुई मौत, गलत इंजेक्शन लगाने का लगाया, आरोप परिजनों ने किया हंगामा

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रुद्रपुर एसकेटी डॉट कॉम

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शहर के एक नामी अस्पताल में उस समय हंगामा हो गया जब कंधे में दर्द की शिकायत पर निजी अस्पताल लाये गये युवा व्यापारी की उपचार शुरू होने के कुछ ही देर बाद मौत हो गयी।

युवा व्यापारी की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। मौत के बाद परिजनों सहित अन्य लोगों ने अस्पताल के डाक्टर और कर्मचारियों पर उपचार में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हंगामा कर रहे लोगों को किसी तरह शांत किया। मामले में मृतक के भाई की ओर से पुलिस को तहरीर दी गयी है।

जानकारी के मुताबिक गदरपुर के वार्ड नंबर 6 कुंजबिहारी कालोनी निवासी 42 वर्षीय सुरेश कुमार भुसरी रूद्रपुर के मिड टाउन होटल के पास सागर मोबाइल के नाम से दुकान चलाते थे। बताया गया है कि सुबह सुरेश के कंधे में अचानक दर्द होने लगाl


अचानक दर्द होने लगाजानकारी के मुताबिक गदरपुर के वार्ड नंबर 6कुंजबिहारी कालोनी निवासी 42 वर्षीय सुरेश कुमार भुसरी रूद्रपुर के मिड टाउन होटल के पास सागर मोबाइल के नाम से दुकान चलाते थे।

बताया गया है कि सुबह सुरेश के कंधे में अचानक दर्द होने लगा। जिस पर वह मेडिसिटी अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में उनका उपचार शुरू हुआ ही था कि उनकी हालत और बिगड़ गयी और कुछ देर बाद ही सुरेश ने दम तोड़ दिया।

सुरेश की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। मौत की सूचना पर परिजनों के साथ ही गदरपुर से तमाम लोग मेडिसिटी पहुंच गये। उन्होंने उपचार में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा काटा।

व्यापारी की मौत की सूचना पर रूद्रपुर के पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल, कांग्रेस नेता सुशील गावा, व्यापार मण्डल अध्यक्ष संजय जुनेजा, अजय गाबा, मिंटू गुम्बर, राजकुमार समेत कई लोग पहुंचे l


मृतक सुरेश भुसरी तीन भाईयों में सबसे बड़े थे। उनके दो भाई अजय और विकास भुसरी भी व्यवसायी है। मृतक के 16 और 12 साल के दो बच्चे है। मामले में मृतक के भाई विकास कुमार पुत्र लखपत राय ने पुलिस को दी तहरीर में कहा कि सुबह उसका भाई भाई सुरेश भुसरी मेडिसिटी अस्पताल पहुंचा जहां मौके पर मौजूद डा. रिजवान ने भाई का चेकअप करने के बाद हार्ट अटैक की शिकायत बतायी।

यह पूछने कि क्या इस अस्पताल में हार्ट अटैक का उपचार होता है, इस पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद डाक्टर डा. रिजवान ने अस्पताल प्रबंधक से बात की और रिजवान के साथ ही कर्मचारी बृजेश व गौतम अतेन्द्र ने मना करने के बावजूद उनकी इच्छा के विपरीत सुरेश को इंजेक्शन लगा दिये।
आरोप है कि जब परिवार वालों ने नाराजगी व्यक्त की तो अस्पताल के कर्मचारी धमकी देने लगे। भीड़ जुटती देख उक्त कर्मचारी मौके से भाग गये। पुलिस तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है।


मामले को लेकर मेडिसिटी अस्पताल के एमडी डा. दीपक छाबड़ा ने कहा कि मृतक सुरेश सुबह जिम गये थे शायद जिम में अधिक एक्सरसाईज करने की वजह से उन्हें हार्ट अटैक हुआ। उन्होंने कहा जब वह अस्पताल आये थे तब जांच करने पर पता चला कि उनके हार्ट के समने का हिस्से के वाल्व, साइड वॉल और पीछे के वॉल में अटैक पड़ा था।

यह बेहद गंभीर स्थिति थी। ईसीजी कराने पर उनकी हार्ट बीट भी नार्मल नहीं थी। हृदय रोग विशेषज्ञ के आने से पहले स्टाफ ने उन्हें पूरी जानकारी दी जिसके बाद जो भी बेहतर प्राथमिक उपचार होता है वह दिया गया।

उन्होंने उपचार में लापरवाही के आरोप को झूठा बताते हुए कहा कि उपचार में किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं की गयी है। हार्ट अटैक के मरीज को जो भी प्राईमरी उपचार दिया जाता है वही उपचार उन्हें भी दिया गया लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी हालत काफी बिगड़ चुकी थी।