बड़ी खबर-दारोगा भर्ती मामले में पूरी हुई विजिलेंस जांच

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प्रदेश में एक के बाद एक हुई भर्ती घोटालों ने सभी को हैरान परेशान कर दिया है। कुछ समय पहले दारोगा भर्ती में भी घोटाला होने की बात सामने आयी थी। जिसके बाद इस मामले में विजिलेंस जांच हुई। इस मामले में जांच पूरी हो गई है। लेकिन जांच की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। जिसके बाद चर्चाओं के बाजार गर्म हो गए हैं।

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पेपर लीक और घोटालों से प्रदेश में हर कोई हैरान है। कुछ समय पहले दारोगा भर्ती में भी घोटाले की बात सामने आयी थी। जिसके बाद इस मामले में विजिलेंस जांच हुई। अब दारोगा भर्ती घोटाले में विजिलेंस जांच पूरी हो गई है। लेकिन जांच पूरी होने के साथ ही इसकी रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। जिसके बाद चर्चाओं के बाजार गर्म हो गया है।


2015 में दरोगाओं के 339 पदों पर हुई थी भर्ती
साल 2015 में 339 पदों पर भर्ती हुई थी। जिसमें परीक्षा का आयोजन पंतनगर विश्वविद्यालय ने किया था। सात साल बाद जब भर्ती पर सवाल उठे तो विजिलेंस को मामले की जांच सौंपी गई है। जांच आगे बढ़ी तो धांधली की परतें एक के बाद एक खुलने लगीं। जिसके बाद 20 दारोगा विजिलेंस की रडार पर आ गए।


मामले में 20 दारोगाओं को किया गया निलबिंत
मामले की जांच जब निजिलेंस ने की तो 20 दारोगा विजिलेंस की रडार पर थे। जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी गई तो इन सभी को निलंबित कर दिया गया।जबकि इस मामले में विजिलेंस की जांच अब भी जारी है।


मिली जानकारी के मुताबिक शासन में विजिलेंस की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस कर्मचारी दंड नियमावली धारा 14/1 और 14/2 के तहत विभागीय जांच की। मामले की जांच रिपोर्ट सीओ नैनीताल को सौंपी गई थी। लेकिन अब पुलिस जांच की बात से इनकार कर रही है।


पूरे मामले में चर्चाओं के बाजार हुए गर्म
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में पुलिस ने दागी दरोगाओं के बयान भी ले लिए हैं। इतना ही नहीं पुलिस जांच में विजिलेंस के आरोप भी सही पाए गए हैं। सूत्रों का दावा अगर सही है तो दागियों पर कार्रवाई के लिए पुलिस की जांच रिपोर्ट ही काफी है। हालांकि पुलिस की जांच रिपोर्ट मुख्यालय पहुंच भी पाएगी या नहीं ये अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।