सावधान आप भी हो सकते हैं शिकार साइबर क्राइम करने वालों ने अपना लिया है ठगी का नया तरीका

ख़बर शेयर करें

आजकल साइबर क्राइम हमारे देश में बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं साइबर अपराधी नए-नए टेक्नोलॉजी से ठगी का नया-नया तरीका निकाल रहे हैं अलग-अलग तरीकों से नए-नए तरीके अपनाकर ठगी को अंजाम दे रहे हैं अब साइबर ठगो ने ठगी का नया तरीका निकाल लिया है

Ad
Ad

चंडीगढ़ में साइबर अपराधियों ने ठगी का मकड़जाल फैला दिया है। आए दिन शातिर ठगी के नए-नए हथकड़े अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं। अब ट्रैफिक चालान का फर्जी लिंक भेज कर भी लूटा जा रहा है। 

साइबर ठगी के मामले रुकने के नाम नहीं ले रहे हैं। हर दिन कोई न कोई ठगी का शिकार हो रहा है। इनके जाल में सेना के रिटायर अफसरों से लेकर डॉक्टर, विद्यार्थी सहित सभी फंस रहे हैं। पुलिस ऐसे मामलों में लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही है। वर्ष 2023 में चंडीगढ़ पुलिस के पास साइबर ठगी के 7500 से ज्यादा शिकायतें आईं। वर्ष 2019 में यह आंकड़ा 4,793 था।

साइबर अपराधी नई तकनीकों का प्रयोग ठगी के लिए कर रहे हैं। बता दें कि सेक्टर-17 थाने की पहली मंजिल पर बने साइबर अपराध पुलिस थाने के पास सीमित स्टाफ है। वहीं, हर माह सैकड़ों शिकायतें पुलिस के पास पहुंच रही हैं। ठगों पर सेक्टर-18 में बनाया गया सेनकॉप्स भी अहम साबित होगा। 

गूगल पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर की 234 शिकायतें आई। डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड और एटीएम धोखाधड़ी के 1143 मामले, ओएलएक्स पर खरीद-फरोख्त के नाम पर ठगी के 1497 मामले, सोशल मीडिया पर धमका, ब्लैकमेल कर वसूली के 1527 मामले, वर्क फ्रॉम होम और निवेश के नाम पर ठगी के 536 मामले, फर्जी प्रोफाइल के 691 मामले तथा फर्जी कॉल कर क्यू आर कोड, केवाईसी लिंक के नाम पर ठगी के 603 मामले सामने आए थे।
नए हथकंडे अपना रहे है

पुलिस का कहना है कि ठग टेलीग्राम के जरिए जॉब और निवेश का लालच दे ठगी करने लगे हैं। वहीं, यातायात चालान का फर्जी लिंक भेज ठगी का शिकार बना रहे हैं। इसके अलावा विदेश में बैठा दोस्त या जानकार बन ठग रहे हैं। पुलिस ने वर्ष 2023 में 106 साइबर अपराधी पकड़े थे। वहीं 2.78 करोड़ रुपये फ्रीज किए गए। 8.26 लाख रुपये बरामद किए गए। वहीं, ठगों से 177 मोबाइल, 290 सिम कार्ड, 78 डेबिट कार्ड एवं अन्य सामान सहित पांच लाख की नकदी, गहने, ट्रक, वाहन, दस्तावेज आदि सामान बरामद किया था।