मिलेगी नई फोरलेन सड़क की सौगात, इस मार्ग पर फर्राटा भरेगी आपकी गाड़ी

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उत्तराखंड और खासकर देहरादून वालों को जल्द ही एक नई सौगात मिलने वाली है। अब देहरादून और पांवटा साहिब के बीच की यात्रा जहां सुखद और आसान होगी वहीं इस यात्रा में लगने वाला समय भी कम होने वाला है। सरकार इस सड़क का चौड़ीकरण करा रही है। इस काम के लिए कंपनियों का चयन हो गया है।

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केंद्र सरकार की स्वीकृति के बाद राजधानी देहरादून सहित सभी प्रदेशवासियों को जल्द मिलेगी सौगात। जानकारी के अनुसार बल्लूपुर-पांवटा साहिब राजमार्ग के फोर लेन बनाने का काम जल्द शुरू हो सकता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने चौड़ीकरण के लिए लगभग 1500 करोड़ रुपये की इस परियोजना के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली है।


चौड़ीकरण के काम के लिए दो कंपनियों का चयन कर उनके साथ अनुबंध कर लिया गया हैं जिसमें एमकेसी कंपनी बल्लुपूर से मेदनीपुर के बीच का काम करेगी। वहीं मेदनीपुर से पांवटासाहिब के बीच चौड़ीकरण का काम आरकेसी कंपनी को दिया गया है। ये दोनों कंपनियों चौड़ीकरण के काम को दो साल में पूरा करेंगी।


उम्मीद है कि एनएचएआई बल्लूपूर से पावंटा साहिब के फोरलेन के काम को नए साल 2023 से शुरू करेगी। इस योजना के तहत बल्लूपूर से पांवटा साहिब तक करीब 50 किलोमीटर लंबे राजमार्ग को चौड़ा किया जाएगा जिससे इस मार्ग पर आवाजाही सुगम हो सकेगी और गाड़ियों की रफ्तार में भी तेजी आ सकेगी। वहीं इस योजना के पूरा होने के बाद इस यात्रा में लगने वाला समय भी कम हो जाएगा। बताया जा रहा है कि रोड का नया एलाइनमेंट किया जा रहा है कि जिससे इस मार्ग की दूरी पहले की तुलना में 5 किलोमीटर तक कम हो जाएगी।


मिली जानकारी के अनुसार चौड़ीकरण के तहत प्राधिकरण ने बल्लूपुर से लेकर पांवटा साहिब के बीच जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया गया है। एनएचएआइ ने मुआवजे के लिए विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय में अब तक 200 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं।


जाम से मिलेगी निजात
पांवटा साहिब राजमार्ग पर वाहनों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। जिससे राजमार्ग पर जाम की स्थिति बनी रहती, फोरलेन राजमार्ग हो जाने से जाम की समस्या से लोगों को निजात मिलेगी। अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि फोरलेन होने से हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के साथ उत्तराखंड की कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी।


गौरतलब है कि साल 2018 में एनएचएआई ने इसे फोरलेन बनाने को लेकर विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट मंगवाई थी। साथ ही 2007-08 में इस नेशनल हाईवे बनाने के बाद इस रास्ते को टू लेन में विकसित किया गया था।