मोदी का जप- केदार के बाद क्या गौरीकुंड की भी बदलेगी तस्वीर?

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जानें रं समाज के परिधान की क्या है विशेषता

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पीएम नरेंद्र मोदी का पिथौरागढ़ दौरा कई मायनों में खास रहा है। अपने दौरे में प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड को 4200 करोड़ रुपये की सौगातें दीं। पीएम मोदी ने जिले के जोलिंगकोंग में पार्वती कुंड के पास जहां ध्यान लगाया, वहां से आदि कैलाश के दर्शन किए जा सकते हैं। अभी तक कैलाश दर्शन के लिए भारतीयों को वीजा लेकर तिब्बत जाना पड़ता था। अब कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए पिथौरागढ़ में व्यू पॉइंट मिल गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्वती कुंड में पूजा-अर्चना के बाद रं जनजाति के गांव गुंजी पहुंचे, जहां से चीन बॉर्डर करीब 20 किलोमीटर दूर है। समुद्र तल से 14000 फीट पर बसे गुंजी गांव में सिर्फ 30 परिवार रहते हैं। सरकार ने इस गांव को शिवधाम बनाने का निर्णय लिया है। अगले दो साल में गुंजी गांव की सूरत बदल जाएगी। यहां तीर्थयात्रियों के रहने-ठहरने के लिए होटल और यात्री निवास बनाए जाएंगे।

रं समाज की खासियत जानकर हैरान रह जाएंगे

रं समाज की खासियत जानकर हैरान रह जाएंगे

नरेंद्र मोदी ने रं जनजाति के कपड़े पहने। भोटिया को परंपरागत तौर पर रं कहा जाता है। नरेंद्र मोदी ने जो सफेद परिधान पहना, वह रं जनजाति के पुरुषों का पहनावा है। पूजा-पाठ के लिए सफेद परिधान और पगड़ी पहनना अनिवार्य है। स्थानीय लोगों ने खुद से बनाई गई सफेद भोटिया ड्रेस पीएम को गिफ्ट में दी थी, इसे रं बोली में रंगाव्यठलो कहते हैं। रं जनजाति के लोग सुदूर दुर्गम इलाके में भारत के अघोषित प्रहरी रहे हैं। चीन बॉर्डर पर भारतीय सेना तो निगरानी करती है। रं समुदाय दशकों से चीन सीमा पर होने वाली गतिविधियों पर नजर रखता रहा है। रं समाज के लोग दारमा, व्यास और चौदास की घाटियों में रहते हैं। 1962 के भारत चीन युद्ध में रं समाज ने ही सेना के लिए दुर्गम इलाकों में रसद पहुंचाया था। नरेंद्र मोदी रं समाज के पुराने मुरीद रहे हैं। 2019 में अपने मन की बात कार्यक्रम में उन्होंने रं यानी भोटिया समाज के लोगों की तारीफ की थी।

गौरी कुंड के पास भगवान शिव ने काटा था गणेश का गर्दन

सनातन धर्म में जोलिंगकोंग के पार्वती कुंड की धार्मिक मान्यता है। शिव पुराण की कथाओं के अनुसार पार्वती कुंड को गौरी कुंड भी कहा जाता है। इसी कुंड में स्नान से पहले माता पार्वती ने गणेश की रचना की और उन्हें जीवन दिया। मां गौरी ने गणेश को प्रहरी बना दिया। जब भगवान शिव कुंड के पास आए तो गणेश ने उन्हें रोक दिया। नाराज शिव ने गणेश का सिर काट दिया। देवी पार्वती को जब इसका पता जला तो उन्होंने अपने पुत्र को जीवन देने की प्रार्थना की। भगवान शिव ने उन्हें हाथी का सिर प्रदान किया। मान्यता है कि यह सारी घटना गौरी कुंड में ही घटित हुई। पार्वती कुंड ज्यादा बड़ा नहीं है, मगर हिंदुओं की आस्था जुड़ी है। कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान जोलिंगकोंग और गुंजी गांव बड़ा पड़ाव है।

नरेंद्र मोदी चीन-भारत सीमा पर बसे जोलिंगकोंग जाने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले कोई प्रधानमंत्री इस इलाके में नहीं पहुंचा। नरेंद्र मोदी के किसी नई जगह पर पहुंचने पर क्या बदलाव होता है, यह केदारनाथ से समझा जा सकता है। 2019 के आम चुनाव से पहले पीएम मोदी ने केदारनाथ की एक गुफा में ध्यान लगाया था। इसके बाद से केदारनाथ में पर्यटकों का तांता लग गया। जिस रुद्र गुफा में नरेंद्र मोदी ने ध्यान लगाया था, उसका रेंट 3000 रुपये प्रतिदिन है। इस साल अक्टूबर तक गुफा की बुकिंग फुल है। इस साल अगस्त तक 12 लाख श्रद्धालु केदारनाथ की यात्रा कर चुके थे, जो एक रेकॉर्ड है। अब पिथौरागढ़ के पार्वती कुंड और गुंजी गांव की बारी है, जो पिछले आठ दशक से बदलाव का इंतजार कर रहा है।

पिथौरागढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेना के जवानों से मिले। चीन बॉर्डर पर निगरानी कर रहे जवानों के बीच प्रधानमंत्री की मौजूदगी हौसला बढ़ाने वाली रही। चीन बॉर्डर के भारतीय इलाके में पीएम मोदी और रक्षा मंत्री के दौरे से पड़ोसी देश की धड़कन बढ़ जाती है।