बिग न्यूज़- क्यों बन गई हॉट सीट (रामडी आन सिंह – पनियाली )जानें प्रत्याशियो का लेखा जोखा





पंचायत चुनाव में पूरे प्रदेश भर में रामडी ऑन सिंह (पनियाली) सीट चर्चाओं में है हालांकि पूरे प्रदेश में 6 अन्य सीटें भी चर्चा में हैं क्योंकि वहाँ भी जिले की निवर्तमान प्रशासक एवं पूर्व जिला अध्यक्ष एक बार फिर मैदान में है लेकिन इसके बावजूद वीआइपी जिला नैनीताल की रामडी आन सिंह सीट अबसे अधिक सुर्खियों में है।
क्या खास है इस सीट में कौन-कौन से हैं प्रत्याशी
जाने अपने प्रत्याशियो का राजनैतिक लेखा जोखा
प्रत्याशी

1-उमा निगलटिया
2-छवि बोरा
3-दीपा पांडेय
4-बिमला तड़ागी(कांग्रेस अधिकृत)
5-बेला तोलिया(भाजपा अधिकृत)
नैनीताल जिले में रामडी- आन सिंह पनियाली सीट
को हॉट सीट माना गया है क्योंकि इस सीट से वर्तमान प्रशासक एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया एक बार फिर भाजपा अधिकृत प्रत्याशी के तौर पर मैदान में है । पूरे प्रदेश में ऐसे ही छह अन्य सीट भी वीआईपी सीट के रूप में जानी जा रही है। जिनमें वर्तमान प्रशासक एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एक बार फिर मैदान में है।

नैनीताल जिले की रामडी आन सिंह सीट भी प्रदेश में चर्चाओं में है। क्योंकि यहां भी जिले की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मैदान में है भारतीय जनता पार्टी की तरह ही इस हॉट सीट पर कांग्रेस ने भी अपना अधिकृत प्रत्याशी मैदान में उतार कर इसे और रोमांचक बना दिया है।
पंचायती चुनाव में यह अधिकृत नाम अपने प्रत्याशी को अधिक लाभ दिलाने तथा पार्टी के कार्यकर्ताओं को पार्टी के लिए काम करने के लिए एकजुट करने के लिए किया जाता है हालांकि इसमें किसी भी उम्मीदवार को पार्टी का सिंबल नहीं मिलता है। लेकिन इसके बावजूद पार्टी द्वारा अधिकृत होने पर पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को प्रत्याशी के पास पक्ष में कार्य करने का निर्देश देती है कार्य नहीं करने की स्थिति में पार्टी उन्हें संगठन से बाहर करने का फरमान भी सुना देती है ऐसा निकाय और पंचायत चुनाव में हमेशा होता रहा है ।
यहां पर बात की जाए तो सांगठनिक रूप से भारतीय जनता पार्टी काफी मजबूत है जिसका परिणाम विधानसभा और लोकसभा चुनाव में साफ दिखता है। भाजपा की मजबूत स्थिति को देखते हुए कांग्रेस ने भी इस बार अपना अधिकृत प्रत्याशी मैदान में उतारा है ताकि वह भी अपने वोट बैंक को भाजपा के दूसरे प्रत्याशियों की झोली में जाने से रोक सके। सबसे ज्यादा मजबूत होने की वजह से भारतीय जनता पार्टी में इस सीट को लेकर मारामारी है कयास यह लगाए जा रहे हैं। कि इस सीट से भाजपा का अधिकृत प्रत्याशी ही जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठ सकता है जैसा की संगठन की बैठक में वरिष्ठ नेताओं ने इस अपने भाषणों में इस बात का जिक्र किया है।
भारतीय जनता पार्टी के संगठन की मजबूती को अपनी जीत का आधार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए तीन नेत्रियां इस बार चुनाव मैदान में कूदी है। तीनों प्रत्याशी अपनी ओर से पूरा जोर लगा रही थी कि उन्हें पार्टी अधिकृत कर दे ताकि वह संगठन का लाभ ले सके लेकिन पार्टी की ओर से कई तरह के मापदडो को रखने के बाद पूर्व अध्यक्ष बेलातोलिया के नाम पर मोहर लगा दी। पार्टी की ओर से मोहर लगाई जाने के बाद अन्य नेत्रियां जो मैदान में खड़ी थी उन्होंने अपनी ताल ठोक कर रखी है और चुनाव को रोमांचक बना दिया है। ऐसे में अब यह चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है लेकिन मतदाताओं को अपने प्रत्याशी और उनकी जमीनी पकड़ को भी परखना होगा क्योंकि उनका यह मतदान का अधिकार 5 साल के बड़े अंतर के बाद उनके सामने आता है ।
हमारी टीम ने 16 गांव में से अधिकतर गांवों में लोगों के बीच जाकर इस संबंध में जानकारी ली तो जो जानकारी स्थानीय लोगों के द्वारा दी गई अनुसार भारतीय जनता पार्टी का गढ़ होने की वजह से यहां पर लोग भाजपा के प्रत्याशी अपने पक्ष में जीत को मान रहा है।
वहीं भाजपा से जुड़े हुए अन्य प्रत्याशी इन वोटो का त्रिकोणीय संघर्ष बना रहे हैं वहीं कांग्रेस भी अपने वोट बैंक के बूते पर इन तीनों की लड़ाई के बीच हाथ मार लेने की नीति बना रही है । इनमें से सफल कौन होगा यह तो अभी भविष्य के गर्भ में है। लेकिन सभी पांचो प्रत्यक्षों की राजनीतिक जमीन टटोली जाए । उमा निगलटिया एक शिक्षित प्रत्याशी है लेकिन उनके पास राजनीतिक रूप से कोई भी अनुभव अभी नहीं है। वह किसी भी निर्वाचित पद पर नहीं रही है। डॉक्टर छवि बोर इन सब में युवा है तथा वह भी सर्वाधिक शिक्षित होने के साथ ही युवा है लेकिन उनके पास अभी कोई भी राजनीतिक अनुभव नहीं है ।कुल मिलाकर अभी तक उन्होंने कोई भी चुनाव नहीं लड़ा है यह दोनों अपना पहला चुनाव लेकर वह जनता के बीच में है ।दीपा पांडे शिक्षित होने के साथ ही जनप्रतिनिधि भी रह चुकी है वह क्षेत्र पंचायत सदस्य के रूप में 5 वर्ष का कार्यकाल भी पूरा करचुकी है। बिमला तड़ागी के पास राजनीतिक तौर पर दो कार्यकाल ग्राम प्रधान के हैं तथा जनता के प्रतिनिधि के तौर पर उन्होंने लगातार सफलता हासिल की है।
बेला तोलिया इन सभी उम्मीदवारों पर राजनीतिक अनुभव में भारी भरकम है। वह राजनीति की पूरी पात्रता रखने के साथ ही वह आज से 17 वर्ष पूर्व सक्रिय राजनीति में कूद गई थी। जब वह पनियाली क्षेत्र पंचायत सीट से बड़े अंतर से चुनाव जीती थी इसके बाद वर्ष 2019 में वह निर्विरोध जिला पंचायत सदस्य तथा बाद में निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में चुनी गई । जिले को 5 वर्ष अध्यक्ष के रूप में तथा करीब 6 से अधिक महीने तक प्रशासक के रूप में सफलतापूर्वक संचालन करने का अनुभव है। बेला तोलिया पूरी तरह से ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़ी है। किसान परिवार में जन्मी बेला की शादी भी किसान परिवार में ही हुई है । सभी प्रत्याशियों का राजनीतिक अनुभव आकलन करने के बाद यह स्पष्ट होता है कि बेला तोलिया राजनीतिक अनुभव के तौर पर सभी पांचो प्रत्याशियों में सबसे आगे हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से यह जानकारी जानने पर की किस मापदंड के अनुसार उन्होंने बेला तो लिया को अधिकृत किया इस पर भाजपा के जिम्मेदार पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी के सर्वे में बेला तोलिया सबसे अनुभवी और राजनीतिक रूप से अधिक समय से सक्रिय है जबकि अन्य प्रत्याशियों के पास कोई भी राजनीतिक अनुभव नहीं है जिसकी वजह से पार्टी कार्यकर्ता के रूप में और वरिष्ठता को देखते हुए उन्हें पार्टी ने अधिकृत किया है। साथ ही वह मूल नैनीताल जिले में ही जन्मी हैं जो कि उनके पक्ष में गया। भाजपा के नेताओं ने यह भी बताया कि कोरोना कल के बावजूद जिला पंचायत में बड़ा अच्छा विकास कार्य हुआ है ।

पूरे जिले में 60 करोड़ तथा अकेले रामडी आन सिंह पनियाली जिला पंचायत क्षेत्र में लगभग 16 करोड़ के विकास कार्य हुए हैं जिनका लेखा-जोखा सरकारी आंकड़ों में शामिल है।

वहीं इसी तरह से देवलचौड़ बंदोबस्ती जिला पंचायत सीट से दीपा दरमवाल को उनकी सक्रियता को देखते हुए पार्टी की ओर से अधिकृत किया गया है। हालांकि उसे सीट से सिमरन कौर भी मजबूत दावेदार थीं लेकिन वरिष्ठता के आधार पर दीपा दरमवाल पर दांव लगाया गया। पार्टी की ओर से यह भी बताया गया कि बरेली रोड की जगीबंगर सीट पर दोनों आवेदन करने वाली दोनों नेत्रियों में कोई भी चुनाव लड़ने का अनुभव नही था। जिसकी वजह से वह सीट ओपन छोड़ दी गई।

भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता लोगों को यह बताते हुए गांव-गांव घूम रहे हैं कि आप जिला पंचायत सदस्य ही नही चुन रहे है बल्कि भाजपा की सरकार होने के चलते वह अपने इस क्षेत्र की सदस्य को जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में भी देखना चाहते हैं तो भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी को जीत कर भेजें।
इस तरह के प्रचार प्रसार से बेला तोलिया अभी फिलहाल आगे दिख रही है हालांकि अभी चुनाव में काफी समय बचा है दो 2 हफ्ते में चुनाव के परिणाम सामने आ जाएंगे भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस किस तरह से अपने प्रत्यक्ष को जीत की ओर ले जाते हैं यह आने वाले दिनों में दिलचस्प होगा।
वही जिस तरह से बेला तोलिया को अधिकृत किया गया पार्टी अब उन्हें जिताने के लिए सक्रिय होती हुई नजर आ रही है। इस तरह कांग्रेस ने भी अपनी प्रत्याशी मुख्य मुकाबले में लाने के लिए अभियान तेज कर दिया है कांग्रेस प्रत्याशी भी जमीन से जुड़ी हुई है दो बार प्रधान रहने के साथी उन्हें स्वयं नेतृत्व करने का अनुभव है ।
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