बैकडोर भर्ती करने वालों को सजा क्यों नहीं?, सदन में डिटेल रखने की मांग-हरीश रावत

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उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्तियों को भले ही निरस्त कर दिया गया है लेकिन इसपर हंगाम खत्म नहीं हो रहा है। अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने इन भर्तियों को करने वालों पर कार्रवाई न होने पर निशाना साधा है।

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हरीश रावत ने एक फेसबुक पोस्ट लिखी है। फेसबुक पर लिखी गई इस लंबी पोस्ट में हरीश रावत ने पूछा है कि ‘क्या भ्रष्टाचार केवल नौकरी पाने वाले बच्चों ने किया था या उस भ्रष्टाचार में कुछ और लोग भी संलिप्त थे! यदि और लोग भी संलिप्त थे तो उनको क्या दंड मिला है? नौकरी पाने वालों की तो नौकरी चली गई लेकिन नौकरी देने वाले तो पुरुस्कृत हुए हैं न!’


हरीश रावत ने इसके साथ ही बीजेपी पर भी निशाना साधा है। हरीश रावत ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के उस बयान पर भी निशाना साधा है जिसमें उन्होंने कहा है कि धामी सरकार ने भ्रष्टाचार पर प्रहार किया है।


इसके साथ ही हरीश रावत ने 2016 से पहले हुई नियुक्तियों को लेकर भी पोस्ट में सवाल उठाए हैं। क्या पहले की नियुक्तियां पाक-साफ हैं? क्या उनमें और बाद की नियुक्तियां में भी प्रभावशाली लोगों के अपने सगे नौकरी नहीं पाये हैं! यदि पाये हैं तो फिर विधानसभा की पटल पर प्रारंभ से लेकर अब तक का ब्यौरा कि ऐसे लोग कौन-कौन हैं, किस-किस पद पर हैं और किस प्रभावशाली व्यक्ति के वो नातेदार, रिश्तेदार, आत्मज करीबी हैं! क्या यह जानने का हक भी उत्तराखंड को नहीं है?