कभी दाऊद की हत्या करने पहुंचा था पाकिस्तान, अब सन्यासी बनना चाहता है कुख्यात पीपी

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कभी छोटा राजन का दाहिना हाथ रहे अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी का खौफ कभी ना केवल उत्तराखंड में बल्कि पूरे देश में था। पीपी कभी तस्करी करता था और देखते ही देखते वो अंडरवर्ल्ड डॉन बन गया। पीपी के कारनामों का अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि प्रकाश पांडे उर्फ पीपी दाऊद की हत्या करने के लिए पाकिस्तान पहुंच गया था। आज यही पीपी अपराध मुक्त होकर सन्यासी बनना चाहता है।

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जरायम की दुनिया के कुख्यात पीपी ने अब अपना मन भक्ति में लगाने का सोचा है। पीपी ने इसके लिए 13 मार्च को अल्मोड़ा जेल के अधीक्षक को एक विनम्र पत्र लिखा है। जिस में उसने अल्मोड़ा जेल के बाहर मंदिर में पूजा करने व संन्यास के रास्ते पर चलने की अनुमति देने का आग्रह किया है। अब ये पीपी की जेल से बाहर आने की साजिश है या सही में अपने अतीत में किए गए पापों का अपराध ये तो समय ही बताएगा। लेकिन उसे अनुमति देनी है या नहीं इस पर फैसला जेल प्रशासन लेगा।

पीपी का अल्मोड़ा से अंडरवर्ल्ड डॉन बनने का सफर
कुख्यात अपराधी पीपी कभी लीसे की तस्करी किया करता था। प्रकाश पांडे उर्फ पीपी अल्‍मोड़ा जिले के रानीखेत के खनौइया गांव का मूल निवासी है। जरायम की दुनिया में कदम रखने से पहले पीपी अवैध शराब के साथ ही लीसे की रानीखेत, नैनीताल, हल्द्वानी, अल्मोड़ा में तस्करी करता था। अबैध कामों से कमाई बढ़ती गई और पीपी की हिम्मत भी बढ़ती गई और फिर पीपी ने मुंबई जाकर डॉन बनने की ठानी।

जिसके बाद वो पीपी अकेले 90 के दशक में मुंबई पहुंच गया। पीपी के मुंबई पहुंचने के दौरान देश बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद फैली सांप्रदायिक हिंसा की आग में जल रहा था। इसी दौरान देश में मुंबई ब्लास्ट हुए जिसका मास्टर माइंड दाऊद को बताया गया।

नेता के माथे के बीचों-बीच मारी थी गोली
जहां एक ओर देश दंगे की आंग में जल रहा था तो वहीं दूसरी ओर छोटा राजन ने दाऊद इब्राहिम से अलग होकर अपना अलग गैंग बना लिया था। छोटा राजन अपनी गैंग के लिए शूटर ढूंढ रहा था। उसे ऐसे शूटर चाहिए थे जो दुस्साहसी हो। इस दौरान मुंबई के सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर पीपी की मुलाकात छोटा राजन गैंग के गैंगस्टर पुनीत तानाशाह और विक्की मल्होत्रा से हुई। दोनों ने पीपी की मुलाकात छोटा राजन से करवाई।

पीपी को मुंबई का डॉन बनना था तो वो छोटा राजन की गैंग में शामिल होना चाहता था। लेकिन छोटा राजन गैंग में भर्ती करने से पहले सामने वाले का दुस्साहस और भरोसा परखता था। इसी लिए छोटा राजन ने पीपी को एक कांट्रेक्ट किलिंग का ठेका दिया। ये किसी छोटे-मोटे इंसान को मारने का कांट्रेक्ट नहीं था। बल्कि राजनीति के एक दिग्गज नेता की हत्या का था। पीपी के सिर पर मुंबई का डॉन बनने का भूत सवार था इसलिए पीपी ने उस नेता के सुरक्षा घेरे को तोड़कर उसके माथे के बीचोंबीच गोली मार दी और ऐसे उसने अंडरवर्ल्ड में कदम रखा।

दाऊद की हत्या करने पीपी पहुंचा था पाकिस्तान
मुंबई को बम धमाकों से दहलाने के बाद दाऊद इब्राहिम भागकर पाकिस्तान में जाकर छिप गया था। दाऊद इब्राहिम ने अपना धंधा छोटा शकील को सौंप दिया था। इसके बाद छोटा राजन बंटी पांडे ने विक्की मल्होत्रा और पुनीत तानाशाह ने दाऊद के मर्डर की योजना बनाई लेकिन उनका प्लान फेल हो गया।

छोटा राजन ने फिर से दाऊद इब्राहिम को मारने का प्लान बनाया। ताकि उसकी गैंग मुंबई में अपना खौफ पैदा कर राज कर सके। लेकिन समस्या ये थी कि दाऊद इब्राहिम को मारने के लिए पाकिस्तान कौन जाएं। तब बंटी उर्फ प्रकाश यानी कि पीपी ने मिशन को लीड करने का ऐलान कर दिया और दाऊद को मारने के लिए पाकिस्तान पहुंच गया। हालांकि वो दाऊद को मार नहीं पाया था।

ऐसे चढ़ा था पुलिस के हत्थे
पीपी ने इसके बाद वियतनाम में शरण ली थी। लेकिन मुंबई क्राइम ब्रांच ने उसकी काल ट्रेस कर ली। साल 2010 में पुलिस ने पीपी को वियतनाम से गिरफ्तार किया। जिसके बाद पीपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और उसे देहरादून जेल में रखा गया। इसके बाद पीपी को टिहरी जेल भेजा गया और वर्तमान में पीपी अल्मोड़ा जेल में बंद है