उत्तराखंड हाइकोर्ट ने यूपी के बाहुबली नेता को लेकर सुनाया ये फैसला,पढ़े खबर

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एक बार फिर नैनीताल हाइकोर्ट के द्वारा यूपी के बाहुबली को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया गया है जिसमे हाइकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए यूपी के बाहुबली नेता डीपी यादव को भाटी हत्याकांड मामले में के मुख्य आरोपी को बरी कर दिया. हाई कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के 2015 के फैसले को पलटते हुए यादव को बरी किया है. सीबीआई कोर्ट ने छह साल पहले यादव को दादरी के विधायक रहे महेंद्र भाटी की हत्या के केस में दोषी करार देकर आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी. इस मामले में नैनीताल स्थित हाईकोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही थी. हाई कोर्ट के फैसले से यादव को बड़ी राहत मिल गई है. लेकिन सीबीआई कोर्ट द्वारा दोषी माने गए अन्य तीन करण यादव, पाल सिंह और परनीत भाटी के संबंध में फैसला आना बाकी है.आपको बता दें कि डीपी यादव 1992 के दादरी के पूर्व विधायक महेंद्र भाटी हत्याकांड के मुख्य आरोपी थे और महेंद्र भाटी के बेटे ने आजीवन कारावास की सजा को बढ़ाने की मांग की थी. इधर, सीबीआई ने भी डीपी यादव को 120 बी का मुजरिम बनाया था, जिसको हाई कोर्ट ने नहीं माना है.

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जानिये क्या है मामला और यहां तक कैसे पहुँचा

13 सितंबर 1992 को गाज़ियाबाद के पूर्व विधायक महेंद्र भाटी की दादरी रेलवे क्रासिंग पर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप डीपी यादव समेत परनीत भाटी, करण यादव, पाल सिंह पर था. पूरे मामले की सीबीआई ने जांच कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई तो 15 फरवरी 2015 में देहरादून में सीबीआई कोर्ट ने सभी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी. तबसे दोषी जेल में बंद हैं, इन सभी ने सीबीआई कोर्ट की सजा को हाई कोर्ट में चुनौती दी है जिस पर हाई कोर्ट ने सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा था.हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान डीपी यादव के वकील ने यादव को इलाज के लिए और टाइम की ज़रूरत बताते हुए बेल मांगी थी, जिसका सीबीआई ने विरोध किया. लेकिन कोर्ट ने यादव को नवंबर तक की शॉट टर्म बेल दे दी थी. यादव के वकील ने उसकी बैकबोन के ऑपरेशन की बात कहते हुए कोर्ट से कहा था कि उसे लगातार अस्पताल आना जाना पड़ेगा. हालांकि सीबीआई ने विरोध करते हुए कहा था कि जेल से इलाज दिया जा सकता है इसलिए बेल न दी जाए. इससे पहले भी इस साल कोर्ट 2 बार यादव को शॉट टर्म बेल दे चुका था.