IAS मीनाक्षी सुंदरम को UIIDB की कमान, निवेशकों के लिए बेहतर माहौल की कवायद

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उत्तराखंड में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए धामी सरकार न सिर्फ गंभीरता दिखा रही है बल्कि नीतिगत निर्णयों से निवेशकों के लिए बेहतर माहौल बनाने की कोशिशों में भी लगी दिखाई दे रही है। यही वजह है कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना (विकास और विनियमन) का गठन किया है। इस बोर्ड में बोर्ड मेंबर्स और कार्यकारिणी का गठन किया जा रहा है। ये बोर्ड राज्य में उद्योगों के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की तरफ एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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मीनाक्षी सुंदरम को बनाया MD
धामी सरकार ने पिछले कुछ समय से राज्य में उद्योगों के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए कई गंभीर प्रयास किए। खुद सीएम धामी इंवेस्टर्स समिट को सफल बनाने के लिए लगे रहे। उन्होंने अपनी कोर टीम में मीनाक्षी सुंदरम, विनय शंकर पांडेय और बंशीधर तिवारी जैसे सुलझे हुए अफसरों को रखा। यही वजह रही कि इंवेस्टर्स समिट का शानदार आयोजन हुआ। इसके बाद अब सरकार ने मीनाक्षी सुंदरम जैसे सीनियर और अनुभवी आईएएस को उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना (विकास और विनियमन) का एमडी बनाकर साफ कर दिया है कि इंवेस्टर्स समिट के आयोजन से शुरु हुई यात्रा को मंजिल तक पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

धामी लगातार कर रहे हैं मॉनिटरिंग
ऐसा नहीं है कि सीएम धामी इंवेस्टर्स समिट के बाद इस तरफ सुस्त पड़ गए हों। सीएम धामी खुद ही इंवेस्टर्स समिट के दौरान हुए एमओयू को लेकर लगातार फीडबैक ले रहें हैं। अब सरकार का फोकस एमओयू को ग्राउंड पर उतारने का है। अधिक से अधिक निवेशकों को राज्य में लाना और स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन करना है। यही वजह है कि सीएम धामी लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर इस संबंध में प्रगति की समीक्षा कर रहें हैं।

उत्तराखंड की जीडीपी दोगुना करने का है लक्ष्य
सीएम धामी ने उत्तराखंड की जीडीपी (gdp of Uttarakhand) को अगले पांच सालों में दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। मौजूदा समय में राज्य की जीडीपी तकरीबन 2.70 करोड़ के आसपास है। ऐसे में पांच सालों में इसे दोगुना करने के लिए पांच लाख करोड़ के आसपास लाना होगा। ये लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्य में उद्योगों का निवेश जरूरी है। वहीं राज्य सरकार इसके लिए मैंकेंजी जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था का भी सहयोग ले रही है। मैंकेंजी को राज्य की जीडीपी दोगुना करने के लक्ष्य को पाने के लिए कार्ययोजना तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है। जैसे ही ये संस्था अपनी कार्ययोजना सौंपेगी राज्य सरकार उसपर काम शुरु करेगी।