दो सगे भाई गणपति मूर्ति विसर्जन के दौरान नदी में बहे,घंटों तलाश के बाद भी नहीं मिले……..


देवभूमि उत्तराखंड में हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं, भारी बारिश का कहर तमाम नदी नालों में इस कदर है कि सभी पूरी तरह उफान पर हैं, तथा सभी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, यहां
जसपुर क्षेत्र के निवासी मूर्ति विसर्जन के दौरान दो सगे भाई यूपी की रामगंगा नदी में बह गए। घंटों तलाश के बाद भी उनका कोई सुराग नहीं लगा। अंधेरा होने से रेस्क्यू अभियान बंद करना पड़ा। सुबह फिर से उनकी तलाश की जाएगी।
नगर क्षेत्र के करीब 50 लोग भगवान श्री गणेश की मूर्ति विसर्जन करने के लिए थाना अफजलगढ़ जिला बिजनौर क्षेत्र के ग्राम भूतपुरी में रामगंगा नदी के पुल के नीचे घाट पर गए थे। इनमें मोहल्ला नत्था सिंह निवासी सगे भाई धर्मेंद्र कश्यप (36) व विजेंद्र कश्यप (34) पुत्र करन कश्यप भी शामिल थे। दोनों भाइयों के साथ पांच अन्य युवक रामगंगा पुल से करीब 800 मीटर दूर विसर्जित करने के लिए गणपति जी की मूर्ति लेकर नदी में उतर गए।
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छोटे का फिसला पैर, बचाने में बड़ा भाई भी डूबा : विसर्जन के दौरान अचानक विजेंद्र का पैर फिसल गया और वह नदी में गिर गया। उसे बचाने के लिए बड़ा भाई धर्मेंद्र भी नदी में कूद गया। उसने विजेंद्र का हाथ पकड़कर खींचने का प्रयास किया लेकिन वह भी उसके साथ बह गया। वहां खड़े लोगों में चीख-पुकार मच गई। देखते ही देखते दोनों भाई नदी के छोर से गायब हो गए।
घटना की सूचना मिलने पर परिजन घटनास्थल पर पहुंच गए थे। दोनों भाई शादीशुदा हैं और आरामशीन में मजदूरी करते हैं। धर्मेंद्र के एक बेटा व एक बेटी है जबकि विजेंद्र के दो बेटे और एक बेटी है। वे पूरे परिवार के साथ मूर्ति विसर्जन के लिए गए थे।
सूचना पर पहुंची अफजलगढ़ थाना पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से युवकों की तलाश की लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। थाना अफजलगढ़ प्रभारी सुमित राठी ने बताया कि युवकों को कई घंटे तक तलाश किया गया लेकिन उनका कुछ नहीं पता चला। अत्यधिक बारिश होने के कारण रामगंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ है।
अफजलगढ़ की एसडीएम स्मृति मिश्रा ने बताया कि अंधेरा होने के कारण फिलहाल तलाश रोक दी है। एनडीआरएफ को बुलाया गया है
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