मोदी सरकार में चीन के साथ व्यापार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल में ही एक ट्वीट कर भारत और चीन के व्यापार का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “हम चीन से अपना व्यापार क्यों नहीं बंद करते? चीन से आयात की जाने वाली अधिकतर वस्तुएं भारत में बनती हैं। इससे चीन को सबक मिलेगा और भारत में रोजगार।” आइए, समझते हैं कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ता कैसा है?
वाणिज्य विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि भारत का चीन के साथ व्यापार 100 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है और 2021-2022 में 115.83 बिलियन डॉलर के साथ सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। इसमें बीते साल 2020-2021 के मुकाबले 34.06 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। तब ये आंकड़ा 86.39 बिलियन डॉलर था। प्रतिशत के हिसाब से देखें तो, पिछले वित्त वर्ष में चीन के साथ व्यापार में वार्षिक वृद्धि 2010-2011 के बाद सबसे अधिक रही, जब 35.82 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी। चालू वित्त वर्ष (2022-2023) के पहले सात महीनों (अप्रैल-अक्टूबर) में चीन के साथ व्यापार 69.114 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
चीन दूसरा बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर
2021-2022 में, चीन का भारत के कुल व्यापार (1035 बिलियन डॉलर) का 11.19 प्रतिशत हिस्सा था और यह अमेरिका (119.48 बिलियन डॉलर) के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। हालांकि, दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापार के बीच बड़ा अंतर यह था कि अमेरिका के साथ भारत का व्यापार सरप्लस 32.85 बिलियन डॉलर रहा, जबकि चीन के साथ उसका व्यापार घाटा 73.31 बिलियन डॉलर था, जो किसी भी देश के लिए सबसे अधिक है। 2021-2022 के दौरान चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा पिछले साल के स्तर (44.02 बिलियन डॉलर) से दोगुना था और यह अब तक का सबसे उच्च स्तर है।
चीन से बढ़ा है आयात
व्यापार के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि चीन के साथ व्यापार में हालिया उछाल पिछले दो साल में उससे आयात में वृद्धि के कारण हुआ है। चीन से मासिक आयात, जो जून 2020 में कोविड लॉकडाउन के दौरान 3.32 बिलियन डॉलर के निचले स्तर पर पहुंच गया था, वही प्रतिबंधों में ढील के बाद और बढ़ने लगा और इससे अगले महीने (जुलाई 2020) में बढ़कर 5.58 बिलियन डॉलर हो गया था। यह लगातार बढ़ रहा है और इस साल जुलाई में 10.24 अरब डॉलर के नए शिखर पर पहुंच गया है।
मासिक आयात भी तेजी से बढ़ा
चीन से औसत मासिक आयात का आंकड़ा 2020-2021 में 5.43 अरब डॉलर से बढ़कर 2021-2022 में 7.88 अरब डॉलर हो गया है। 2022-23 के पहले सात महीनों (अप्रैल-अक्टूबर) में यह आंकड़ा 8.61 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। 2019-2020 में कोरोना वायरस महामारी से पहले औसत मासिक आयात का आंकड़ा 5.43 बिलियन डॉलर था।
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