आफताब ने कबूला, गुस्से में किया श्रद्धा का मर्डर, रिमांड बढ़ी

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दिल्ली को दहला देने वाले श्रद्धा मर्डर केस (Shraddha Murder Case) में आरोपी आफताब अमीन पूनावाला अब पुलिस के सामने टूटने लगा है। पुलिस के सामने अब आफताब अपना गुनाह कबूल करने लगा है। यही नहीं आफताब ने अब जज के सामने भी माना है कि उसने गुस्से में आकर श्रद्धा का कत्ल कर दिया। आफताब की रिमांड आज खत्म हो रही थी। हालांकि कोर्ट ने पुलिस रिमांड चार दिनों के लिए बढ़ा दी है।

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आपको बता दें कि इससे पहले पांच-पांच बार कर दिल्ली पुलिस कुल 10 दिन की कस्टडी ले चुकी है। पुलिस कस्टडी में आफताब का 10वां दिन है। किसी भी केस में जेल भेजने से पहले आरोपी को 14 दिन तक पुलिस कस्टडी में लिया जा सकता है, लिहाजा पुलिस के पास 4 दिन और बचे हैं।


पुलिस के लिए इनकी रिकवरी चुनौती
भले ही आफताब ने अपना गुनाह कबूल कर लिया हो लेकिन पुलिस के पास सबूत इकट्ठा करना एक बड़ी चुनौती है। पुलिस के पास कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए सबूतों की जरूरत होती है। अभी भी पुलिस को वारदात में शामिल आरी नहीं मिली है। इसके साथ ही हथियार भी जब्त नहीं हुआ है।


श्रद्धा के सिर का हिस्सा मिलना अब भी बाकी है। इसके साथ ही श्रद्धा के शरीर के कई टुकड़े अब भी गायब हैं। श्रद्धा के जबड़े का हिस्सा और कुछ हड्डियां मिली हैं। पुलिस अब तक श्रद्धा का फोन भी नहीं तलाश पाई है।


आफताब का कल सोमवार को नार्को टेस्ट होना था, लेकिन नहीं हो सका। नार्को टेस्ट से पहले आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट होगा। दिल्ली पुलिस ने कल कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र देते हुए आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की मांग की। कोर्ट से आरोपी आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की इजाजत मिल चुकी है।


पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद आफताब का नार्को टेस्ट भी होगा। पॉलीग्राफ और नार्को दोनों टेस्ट के जरिए पुलिस आरोपी आफताब से सच सामने लाने की कोशिश करेगी। इनमें से एक में फिजिकली और दूसरे में आरोपी से नशे यानी आधा बेहोश करके पूछताछ की जाएगी।


ये है पॉलीग्राफ टेस्ट
पॉलीग्राफ टेस्ट को लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कहा जात है, जिससे ये पता लगाया जा सकता है कि कोई इंसान सच बोल रहा है या नहीं। इसके लिए एक मशीन की मदद ली जाती है, जो पूछताछ के दौरान शरीर में आने वाले बदलाव जैसे ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट, पल्स रेट और शरीर से निकलने वाले पसीने या हाथ-पैर के मूवमेंट में बदलाव को नोट करती है। उसी रिपोर्ट के आधार पर यह तय होता है कि इंसान सच बोल रहा है या नहीं, क्योंकि जब कोई झूठ बोलता है, तो उसके शरीर में एक डर और घबराहट पैदा होती है। शरीर में अलग तरह से रिएक्ट करता है।