बड़ी खबर- ईद का चांद बने सतपाल महाराज, कांग्रेस ने उठाए सवाल

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उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू हो चुकी है। वहीं अलग अलग राज्य से आए तीर्थयात्री अव्यवस्थाओं पर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही हैरान करने वाली बात ये है कि प्रदेश में एक तरफ यात्रा का आगाज हो चूका है दूसरी और प्रदेश के पर्यटन और धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ईद का चांद बने हुए हैं । जिस पर कांग्रेस अब सवाल उठा रही है।

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चारधाम यात्रा को शुरू हुए दस दिन हो चुके हैं। 10 दिन के भीतर दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चारों धामों के दर्शन कर लिए हैं। इस बीच सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज कहां गयाब है। इसे लेकर सियासत गर्माने लगी है।


विपक्ष दाग रहा सवाल
विपक्ष ने चारधाम यात्रा की तैयारियों पर सवाल उठाते हुए पर्यटन व धर्मस्वमंत्री सतपाल महाराज के साथ साथ स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि चार धाम यात्रा में कई अव्यवस्थाएं हैं। वह खुद गंगोत्री धाम में दर्शन करने गए थे। जहां कई तरह की अव्यवस्थाएं सामने आई।
इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी कई तरह की शिकायतें तीर्थयात्रियों की तरफ से देखने को मिल रही है। लेकिन उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री पिछले साल की तरह इस साल भी गायब है। यहां तक की प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कर्नाटक चुनाव में व्यस्त हैं। जिससे साफ है कि प्रदेश के मंत्रियों को प्रदेश के हित से ज्यादा जरूरी दूसरे राज्य के चुनाव हैं।


भाजपा ने किया महाराज का बचाव
दूसरी तरफ सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार चार धाम यात्रा को लेकर मॉनेटिरिंग करने का काम कर रहें है। इसलिए पर्यटन मंत्री के गयाब रहने का ज्यादा असर यात्रा पर नहीं पड़ रहा है। हांलाकि भाजपा भी दबी जुबान में ही सही पर्यटन मंत्री का बचाव करते हुए नजर आ रही है। दर्जा राज्यमंत्री वीरेंद्र बिष्ट का कहना है कि चारधाम यात्रा से पहले सतपाल महाराज ने व्यवस्थाओं को परखने के लिए कई बैठकें ली थी।


सूबे के मुखिया ने संभाला चार धाम यात्रा का मोर्चा
चार धाम यात्रा की जिम्मेदारी खुद मुख्यमंत्री अपने स्तर से ही संभाले हुए नजर आ रहे हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री के द्धारा तीन आईएएस अधिकारियों को नोडल अधिकारी भी चार धाम यात्रा के मद्देनजर नियुक्त किया है। लेकिन अगर पर्यटन व धर्मस्व मंत्री भी अपनी कुछ जिम्मेदारी यात्रा को लेकर अभी तक निभाते हुए नजर आते तो क्या पता और बेहतर व्यवस्थाएं धामों में श्रद्धालूओं को मिल पाती।