ऑटो-रिक्शा यूनियन का मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कल
संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया कि राजधानी देहरादून में वर्तमान में चल रहे पुराने पेट्रोल-डीजल वाले ऑटो व विक्रम संचालकों को नए परमिट के लिए 31 जनवरी 2023 तक आवेदन करना अनिवार्य है। यदि ऐसा नहीं किया तो उनके परमिट रद कर इसे लेने का विकल्प आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।
इस मामले को लेकर दून ऑटो रिक्शा यूनियन देहरादून आरटीए की बैठक में हुए फैसले का विरोध किया है। यूनियन के देहरादून, ऋषिकेश हरिद्वार और लक्सर के सभी ऑटो संचालक सोमवार को इस फैसले का विरोध प्रदर्शन करेंगे। वही यूनियन के अध्यक्ष ने कहा कि डीजल पेट्रोल को रिप्लेस करने के लिए यूनियन ने 2025 तक का समय देने की मांग की थी। साथ ही वर्तमान में सभी कोविड से उभरने के बाद काम काज पटरी पर आता है और अब इस तरह का फैसला सुना दिया।
मांग पूरी नहीं होने पर जाएंगे कोर्ट
यूनियन के देहरादून, ऋषिकेश हरिद्वार और लक्सर के सभी ऑटो संचालक अपनी मांगों को लेकर सोमवार को एक बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं। यूनियन के मुताबिक अगर मांगों को नहीं माना गया तो वह सरकार के खिलाफ कोर्ट में जाने के लिए मजबूर होगी।
गौरतलब है कि एक नवंबर को संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में फैसला लिया गया था कि मौजूदा समय में विभिन्न रूटों पर चल रहे डीजल-पेट्रोल संचालित ऑटो और विक्रम संचालकों को नए परमिट के लिए 31 जनवरी 2023 तक आवेदन करना होगा।
एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक बीएस 6 फ़ॉर व्हीलर, सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाले ऑटो और विक्रम रूटों पर चलेंगे। जिसके लिए उसके बाद ऑटो और विक्रम जो 10 साल से पुराना है तो उसे 31 मार्च 2023 और 10 साल से कम पुराना है तो 31 दिसंबर 2023 तक हटाना है।
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