उत्तराखंड में यहां आए थे भगवान राम, रावण वध के बाद की थी आखिरी तपस्या
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या के बारे में तो आप जानते ही होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड से भी भगवान राम का खासा नाता है। रावण वध के बाद जब भगवान राम पर ब्रह्म हत्या का पाप लग गया था तो भगवान राम ने उत्तराखंड में ही अपनी आखिरी तपस्या की थी। इसके बाद ही भगवान राम अयोध्या को लौटे थे।
उत्तराखंड से है भगवान राम का खास नाता
भगवान राम ने अपनी आखिरी तपस्या उत्तराखंड के देवप्रयाग में की थी। ये खूबसूरत जगह अब एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल के तौर पर जानी जाती है। देवप्रयाग अलकनंदा-भागीरथी नदी के संगम पर बसा है। देवप्रयाग देवभूमि उत्तराखंड के पंच प्रयागों में से एक है। ऐसा कहा जाता है कि जब राजा भागीरथ ने गंगा को पृथ्वी पर उतरने के लिए मनाया तो उनके साथ ही 33 करोड़ देवी-देवता भी गंगा के साथ स्वर्ग से देवप्रयाग में उतरे थे।
देवप्रयाग में मुनि देवशर्मा ने की थी भगवान विष्णु की तपस्या
उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल ज़िले में देवप्रयाग स्थित है। जो कि समुद्र तल से 830 मीटर की ऊंचाई पर है। देवप्रयाग की दूरी ऋषिकेश से महज 70 किलोमीटर है। कहा जाता है कि देवप्रयाग में ही मुनि देवशर्मा ने भगवान विष्णु की कठिन तपस्या की थी। जिसके बाद भगवान विष्णु ने उन्हें वरदान दिया था कि इस स्थान का नाम कालांतर में उनके नाम पर ही रखा जाएगा।
उत्तराखंड में यहां की थी भगवान राम ने आखिरी तपस्या
पौराणिक मान्यता के अनुसार देवप्रयाग में ही Shri Ram ने अपनी आखिरी तपस्या की थी। लंका विजय के बाद जब भगवान राम वापस लौट रहे थे तो उन्होंने यहीं पर तपस्या की थी। मान्यता है कि भगवान राम ने ब्राह्मण वध के पाप से मुक्त होने के लिए देवप्रयाग में तपस्या की थी। यहां पर भगवान राम ने एक शिला पर बैठकर तपस्या की थी। आज भी यहां पर वो शिला मौजूद है।
राम सेवक हनुमान भी आए थे यहां
भगवान राम के साथ ही राम सेवक हनुमान भी यहां पर आए थे। देवप्रयाग में ही मां गंगा के मंदिर के पास ही हनुमान गुफा भी है। इस गुफा को लेकर मान्यता है कि राम भगवान के साथ ही राम के सेवक हनुमान भी यहां आए थे। यहां पर भगवान राम और भगवान हनुमान के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इसके साथ ही देवप्रयाग में भगवान राम का भव्य और ऐतिहासिक मंदिर रघुनाथ मंदिर भी है। जहां पर भगवान विष्णु भगवान राम के रूप में विराजते हैं।
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