फ्लोर टेस्ट की अग्नि परीक्षा -कल होगा उद्धव का सत्ता में रहने अथवा जाने का फैसला, शिव सैनिक बागी विधायकों का कैसे करेंगे मुंबई में स्वागत!

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मुंबई एसकेटी डॉट कॉम

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महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करने को कहा. इसके अलावा शिंदे समर्थक 50 विधायकों के मुंबई पहुंचने शिव सैनिक जो अब तक उग्र रूप अपनाए हुए हैं क्या इन विधायकों सुरक्षा में कहीं खाना तो नहीं डालेंगे इस बात को लेकर महाराष्ट्र पुलिस काफी चिंतित है दिवस दिवस महाराष्ट्र पुलिस के आला अधिकारियों ने शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों से बात की है ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी और अशांति का सामना ना करना पड़े.

शिवसेना नेता संजय राउत ने बागी शिव सैनिकों को मुंबई की चौपाटी में आने का चैलेंज देते हुए कहा कि क्या कर रहे हो गुवाहाटी में यहां आकर देखो मुंबई के चौपाटी में. इसके बाद शिवसैनिक काफी उग्र हुए थे उन्होंने कई विधायकों और सांसदों के कार्यालय में तोड़फोड़ की थी. शिंदे गुट की ओर से सुरक्षा को लेकर प्लान बनाया गया है कि वह सीधे मुंबई ना आकर मुंबई के नजदीक रहेंगे वहां से कड़ी सुरक्षा के बीच में सीधे विधानसभा पहुंचेंगे जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि वह सूरत अथवा गोवा में डेरा डालेंगे जहां भाजपा की सरकारें हैं उन्हें वहां पूरी सुरक्षा मिलेगी उसके बाद सीधे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में वह विधानसभा भवन में प्रवेश करेंगे से पहले बागी विधायकों की चिंता पर केंद्र सरकार ने सभी के घरों पर सीआरपीएफ की तैनाती कर दी है.

सुप्रीम कोर्ट के एकनाथ शिंदे गुट को राहत देने तथा उनके विधायकों के ऊपर अयोग्यता की तलवार को लेकर जिस तरह से उन्हें नोटिस भेजा था उसके बाद काफी हलचल मची थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 11 तक उनके खिलाफ किसी भी तरह की अयोग्यता की कार्रवाई ना करने तथा स्थिति बनाए रखने की के निर्देश दिए थे

इस पूरे ड्रामा मैं जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाने का प्लान बनाया है उसके तहत एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री के सहयोगी के तौर पर उपमुख्यमंत्री एवं उनकी पार्टी के विधायकों में से 8 को कैबिनेट तथा 5 को राज्यमंत्री का दर्जा देने की बात हुई है. कैबिनेट मे 29 मंत्रीतथा मुख्यमंत्री का पद भाजपा अपने पास रखेगी.

जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता हासिल करने के लिए एकनाथ शिंदे को उकसाया है उससे निश्चित रूप से अपने हाथ से गए इस महत्वपूर्ण राज्य में वह दोबारा सत्तारूढ़ हो जाएगी जिसके बाद उसका मिशन 2024 पूरा होने में किसी प्रकार की कमी नहीं रह पाएगी. केंद्र सरकार की ओर से ईडी और सीबीआई का भी इस्तेमाल हो रहा है. सैनिकों को उकसा रहे शिवसेना नेता संजय राउत को भी इस पूरे एपिसोड के बीच में जिस तरह से ईडी ने जमीन घोटाले को लेकर उन्हें बुलावा है उससे निश्चित रूप से साफ झलकता है कि वह ईडी का इस्तेमाल भी करता रहता है. संजय राउत पर अगर जमीन घोटाले को लेकर कार्यवाही ही करनी है तो इस मौके से पहले उनसे क्यों नहीं पूछताछ की गई मौके पर ही उन्हें नोटिस देना कहीं ना कहीं यह दर्शाता है कि सत्ता हासिल करने के लिए यह भी महत्वपूर्ण अंग है.

संख्या बल हिसाब से देखा जाए तो निश्चित रूप से भाजपा शिंदे गठबंधन बहुमत में दिखाई दे रहा है यह स्थिति तब बदल सकती थी जब बागी विधायकों को दलबदल के तहत नोटिस पर कारवाही होती लेकिन वैसे भी विधायक एक गुट के रूप में खड़े हैं उन्होंने अलग गुट के रूप में भी मान्यता के लिए कोई भी मांग पत्र नहीं दिया है बल्कि वह तो कह रहे हैं कि असली शिवसेना वही है उनके पास 56 में से 40 विधायकों का समर्थन प्राप्त है इधर राज्यपाल ने जिस तरह से सरकार को पत्र लेकर अपना बहुमत सिद्ध करने को कहा है वहीं पूरे विधानसभा की की कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग तथा इसे सीधे लाइव प्रसारण करने के निर्देश भी दिए हैं