छोटी जोत के किसानों कि लाइफ लाइन कोटबाग़ की इस सिचाई नहर का भाजपा नेता मनोज पाठक ने किया अवलोकन दिया यह आश्वासन

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कोटाबाग एसकेटी डॉट कॉम

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पूर्व प्रदेश प्रशिक्षण प्रमुख भारतीय जनता पार्टी मनोज पाठक ने सैकड़ों नौजवान के साथ नहरी वन क्षेत्र जहां से आधे कोटाबाग क्षेत्र की लाइफ लाइन बनकर पेयजल एवं सिंचाई की आपूर्ति होती है,उस उद्गगम स्थान को जो कि जीर्णक्षीर्ण हालत में है ,प्रत्यक्ष अवलोकन किया.

पिछले कई महीनों से कोटाबाग क्षेत्र के लोग “ मनोज पाठक जी”से अनुरोध कर रहे थे कि बेडू जाला ,कप्तानगंज ,दाना चोड , पतलिया, खुडलिया ,ढाना पतलिया ,कुसानावाड ,ठना ,कलियाजला बजुनिया हल्दू ,मूसा बांगर ,बजेड़ी पुर के लिए ,जो ब्रिटिश टाइम से योजना बनी है ,जहां से कोटाबाग इन गाँव क्षेत्र को पेयजल एवं अपनी फसल के लिए सिंचाई हेतु पानी मिलता है जलापूर्ति का जो माध्यम है वह जीर्ण हालत में है तथा बोर नदी पर नदी नहरीवन क्षेत्र पर अधिक पानी आने के कारण पानी को रोकने हेतु डायवर्जन के लिये बनाई गयी कच्ची पत्थर द्वारा बनाये गयी दीवार के बहाव के कारण जलापूर्ति बाधित हो जाती है , उसे दुबारा ठीक करने हेतु गाँव के लोगों को दूरस्थ क्षेत्र में बहुत कठिन रास्ते से वहां पहुंचा जाता है जंगली जानवरों का जानलेवा हमले का bhayआज मनोज पाठक पूर्व प्रदेश प्रशिक्षण प्रमुख भारतीय जनता पार्टी एवं सैकड़ों नौजवान नहरी वन क्षेत्र जहां से आधे कोटाबाग क्षेत्र की लाइफ लाइन बनकर पेयजल एवं सिंचाई की आपूर्ति होती है,उस उद्गगम स्थान को जो कि जीर्णक्षीर्ण हालत में है ,प्रत्यक्ष अवलोकन किया पिछले कई महीनों से कोटाबाग क्षेत्र के लोग “ मनोज पाठक जी”से अनुरोध कर रहे थे कि बेडू जाला ,कप्तानगंज ,दाना चोड , पतलिया, खुडलिया ,ढाना पतलिया ,कुसानावाड ,ठना ,कलियाजला बजुनिया हल्दू ,मूसा बांगर ,बजेड़ी पुर के लिए ,जो ब्रिटिश टाइम से योजना बनी है ,जहां से कोटाबाग इन गाँव क्षेत्र को पेयजल एवं अपनी फसल के लिए सिंचाई हेतु पानी मिलता है जलापूर्ति का जो माध्यम है वह जीर्ण हालत में है तथा बोर नदी पर नदी नहरीवन क्षेत्र पर अधिक पानी आने के कारण पानी को रोकने हेतु डायवर्जन के लिये बनाई गयी कच्ची पत्थर द्वारा बनाये गयी दीवार के बहाव के कारण जलापूर्ति बाधित हो जाती है , उसे दुबारा ठीक करने हेतु गाँव के लोगों को दूरस्थ क्षेत्र में बहुत कठिन रास्ते से वहां पहुंचा जाता है जंगली जानवरों का जानलेवा हमले का भाई बना रहता है फिर भी पानी को बढ़ाने के लिए वहां पर जाकर पत्थर की अस्थाई दीवार लगाते हुए रोक अवरोध को पत्थरों को इकट्ठा कर पत्थरों से अस्थायी दीवार बनाकर जल आपूर्ति बढ़ाई जाती है ।श्री मनोज पाठक ने बताया जिस तरह से वहां पर आगामी 25 -30 साल हेतु दूरदर्शिता से आज पर्यंत एक छोटे से बांध के रूप में निर्माण कर हम पानी के डायवर्जन बढ़ाते हुए क्षेत्र की पेयजल एवं सिंचाई की व्यवस्था को इसके लिए उन्होंने जनों को अपनी ओर से सकारात्मक प्रयास करने एवं भारत देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने किसानों के लिए महत्वाकांक्षी योजना उनकी आय दुगनी की जाए इसको व्यवहार में लाने के लिए उत्तराखंड प्रदेश के मुख्यमंत्री यशस्वी मुख्यमंत्री को अवगत कराने एवं सरकार से बनाने हेतु प्राथमिकता से कार्य करने के लिए पुरजोर कोशिश करने की बात कही।बेडू जाला कप्तानगंज दाना चोड दाना चोड पतलिया खुडलिया ढाना पतलिया कुसानावाड ठना कलियाजला बजुनिया हल्दू मूसा बांगर बजेड़ी पुर,क्षेत्र में नौजवानों का जोश देखते बनता था उन सब ने यशस्वी धामी जी की ओर टकटकी लगाते हुए और विश्वास जताते हुए अनुरोध करने की बात कही आज पर्यंत तक दूरदर्शी योजनाओं पर जिस तरह से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्रीमान पुष्कर सिंह धामी काम कर रहे हैं ,वह बंदनीय है और आगामी समय में कोटाबाग क्षेत्र के लिए दूरदर्शी लोकहित की योजनाओं के कार्य होने की उम्मीद है। ग्रामीणों का कहना था कि आज पहली बार इतने कठिन और दुर्गम रास्ते से चलकर के भारतीय जनता पार्टी के मनोज पाठक ने जिस तरह से ग्रामीणों की समस्या के निदान हेतु प्रयास करने का कार्य किया है

किसानों के नहरी वन क्षेत्र में भाजपा नेता मनोज पाठक

, उसकी जितनी सराहना की जाए वह कम है हम सब भारतीय जनता पार्टी के साथ एवं मनोज पाठक जी द्वारा क्षेत्र में जिस तरह से लोकहित के कार्य किए जा रहे हैं उसके लिए आभार एवं धन्यवाद व्यक्त करते हैं।ज्ञात हो कोटाबाग क्षेत्र के रुड़की क्षेत्र जहां पर पहले आज उत्तराखंड का आईआईटी रुड़की स्थापित है वह पहले ब्रिटिश टाइम पर कोटाबाग में ही था और जिस तरह वह देखने को मिलता है अंग्रेजों के समय में कोटाबाग की सिंचाई हेतु बड़े पहाड़ के पत्थर को काटकर लगभग 50 मीटर जो नहर निकाली गई है ,पत्थरों को काटते हुए पहाड़ को काटते हुए वह भी दुर्गम रास्तों को तय कर कर अपने आप में विचित्र है निश्चित इंजीनियरिंग मैं जो रुड़की क्षेत्र है वहां पर जो तकनीकी काम एवं प्रशिक्षण का कार्य किया जाता था पूर्व में यह उसी का परिणाम होगा।

बना रहता है फिर भी पानी को बढ़ाने के लिए वहां पर जाकर पत्थर की अस्थाई दीवार लगाते हुए रोक अवरोध को पत्थरों को इकट्ठा कर पत्थरों से अस्थायी दीवार बनाकर जल आपूर्ति बढ़ाई जाती है । मनोज पाठक ने बताया जिस तरह से वहां पर आगामी 25 -30 साल हेतु दूरदर्शिता से आज पर्यंत एक छोटे से बांध के रूप में निर्माण कर हम पानी के डायवर्जन बढ़ाते हुए क्षेत्र की पेयजल एवं सिंचाई की व्यवस्था को इसके लिए उन्होंने जनों को अपनी ओर से सकारात्मक प्रयास करने एवं भारत देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने किसानों के लिए महत्वाकांक्षी योजना उनकी आय दुगनी की जाए इसको व्यवहार में लाने के लिए उत्तराखंड प्रदेश के मुख्यमंत्री यशस्वी मुख्यमंत्री को अवगत कराने एवं सरकार से बनाने हेतु प्राथमिकता से कार्य करने के लिए पुरजोर कोशिश करने की बात कही।

बेडू जाला कप्तानगंज दाना चोड दाना चोड पतलिया खुडलिया ढाना पतलिया कुसानावाड ठना कलियाजला बजुनिया हल्दू मूसा बांगर बजेड़ी पुर,
क्षेत्र में नौजवानों का जोश देखते बनता था उन सब ने यशस्वी धामी जी की ओर टकटकी लगाते हुए और विश्वास जताते हुए अनुरोध करने की बात कही आज पर्यंत तक दूरदर्शी योजनाओं पर जिस तरह से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्रीमान पुष्कर सिंह धामी काम कर रहे हैं ,वह बंदनीय है और आगामी समय में कोटाबाग क्षेत्र के लिए दूरदर्शी लोकहित की योजनाओं के कार्य होने की उम्मीद है। ग्रामीणों का कहना था कि आज पहली बार इतने कठिन और दुर्गम रास्ते से चलकर के भारतीय जनता पार्टी के श्री मनोज पाठक जी ने जिस तरह से ग्रामीणों की समस्या के निदान हेतु प्रयास करने का कार्य किया है, उसकी जितनी सराहना की जाए वह कम है हम सब भारतीय जनता पार्टी के साथ एवं मनोज पाठक जी द्वारा क्षेत्र में जिस तरह से लोकहित के कार्य किए जा रहे हैं उसके लिए आभार एवं धन्यवाद व्यक्त करते हैं।
ज्ञात हो कोटाबाग क्षेत्र के रुड़की क्षेत्र जहां पर पहले आज उत्तराखंड का आईआईटी रुड़की स्थापित है

वह पहले ब्रिटिश टाइम पर कोटाबाग में ही था और जिस तरह वह देखने को मिलता है अंग्रेजों के समय में कोटाबाग की सिंचाई हेतु बड़े पहाड़ के पत्थर को काटकर लगभग 50 मीटर जो नहर निकाली गई है ,पत्थरों को काटते हुए पहाड़ को काटते हुए वह भी दुर्गम रास्तों को तय कर कर अपने आप में विचित्र है निश्चित इंजीनियरिंग मैं जो रुड़की क्षेत्र है वहां पर जो तकनीकी काम एवं प्रशिक्षण का कार्य किया जाता था पूर्व में यह उसी का परिणाम होगा।