डॉक्टर ने अपने बच्चे का कराया DNA टेस्ट, पत्नी को 37 बार चाकू से गोंदा, 4 साल के बेटे की गवाही ने पहुंचाया जेल
घर के कोने में खड़ा बेटा अपने पिता की दरिदंगी देखकर सहम जाता है क्योंकि उसका पिता चाकू से एक के बाद एक 37 वार उसकी मां पर करता है. बच्चे की उम्र मजह 7 साल थी और वह दूसरी क्लास में पढ़ता है.
मासूम कुछ नहीं कर सकता था और मां की मौत को होते हुए देखता रहता है. इसके बाद वह शख्स पुलिस को फोन करता है और अपनी बीवी की हत्या की जानकारी देता है. इस शख्स ने ऐसा क्यों किया, इसके पीछे एक कहानी है जो आपको हैरान कर देगी.
मामला मुंबई के दादर का है, जहां पर उमेश बोबले नाम का एक डेंटिस रहता है और उसकी एकाउंटेंट पत्नी तनुजा रहती है. दोनों का एक बेटा होता है, जोकि सात साल का है. सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा होता है, लेकिन अचानक एक दिन पति इतना वहशी बन जाता है कि किसी को यकीन नहीं हो रहा था. पत्नी के कत्ल के बाद पुलिस उसको हिरासत में लेती है और बेटे को रिश्तेदारों को सौंप देती है. पुलिस मामले की जांच में जुट जाती है और पड़ोसी, वॉचमैन सभी के बयान लिए जाते हैं.
क्यों दरिंदा बना उमेश
उमेश को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाता है और उसे सजा भी मिलती है. कोर्ट में उमेश खुलासा करता है कि आखिरकार उसने अपनी पत्नी की हत्या क्यों की और यहां तक मामला कैसे पहुंचा. उमेश ने बताया कि 2009 में उनकी शादी होती है और परिवार में सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा था. दोनों कमाने वाले थे तो अर्थिक रूप से कोई दिक्कत नहीं थी. समय बीतने के साथ दोनों में कुछ मनमुटाव होने लगता है, जो घरेलू हिंसा का रूप लेने लगता है. एक बार पत्नी अपने पति के ऊपर घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराती है और कुछ समय के लिए दोनों अलग-अलग रहने लगते हैं.
दरअसल दोनों में मनमुटाव की वजह थी कि पत्नी अपने काम से अक्सर लेट आती थी और पति को उसके चरित्र पर शक होने लगे था. कुछ समय अलग रहने के बाद वह फिर से साथ रहने लगते हैं, लेकिन पति का शक बढ़ता ही जा रहा था और एक दिन वह अपने बेटे का डीएनए टेस्ट कराने का ठान लेता है. पति को शक था कि उसकी पत्नी उसे धोखा दे रही थी. पत्नी को बताए बिना वह बेटे का डीएनए टेस्ट कराता है और रिपोर्ट आती है तो उसमें सबकुछ साफ हो जाता है.
डीएनए रिपोर्ट के अनुसार, यह बच्चा इसी पति और पत्नी का ही था. रिपोर्ट आने के बाद पति का शक भी खत्म हो जाता है और दोनों की जिंदगी नॉर्मल चलने लगती है, लेकिन पति को अभी भी पसंद नहीं आ रहा था कि उसकी पत्नी देर रात घर आए और उसके शक को अभी भी जन्म दे रहा था. उसने तनुजा से कई बार कहा कि तुमको समय पर घर आना चाहिए. हालांकि जैसे-जैसे काम बढ़ता है तो तनुजा का लेट आना का सिलसिला बढ़ जाता है. पति के दिल में अभी भी शक कम नहीं हो रहा था और इसी वजह से उसने एक दिन अपनी पत्नी की हत्या कर दी.
कोर्ट में बच्चे का बयान
बच्चे ने कोर्ट में बयान देते हुए कहा कि पापा ने मेरे सामने मम्मी को मारा, मैं डर गया था और कुछ बोल नहीं पाया. जब बच्चा यह सब कुछ कह रहा था तो कोर्ट में चारों तरफ सन्नाटा था और हर कोई उमेश की तरफ नजर गड़ाए था, जिसके शक के चलते अपनी और अपने बच्चे की जिंदगी को बर्बाद कर दिया. हालांकि कोर्ट में उमेश के वकील ने उसे मानसिक तौर पर परेशान बताया और रहम की अपील की, फिर भी कोर्ट ने उसे 302 के तहत दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई और 20 हजार का जुर्माना लगाया.
उमेश के एक शक ने उसके पूरे परिवार को खत्म कर दिया. डीएनए टेस्ट के बाद भी उसको अपनी पत्नी पर यकीन नहीं हो रहा था. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि उमेश मानसिक तौर पर बीमार था और अगर वह इसका समय पर इलाज कराता तो शायद वह इतनी बड़ी दरिंदगी को अंजाम नहीं देता
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