भूमि की डकैती बनी हंसा की जान की दुश्मन, आरोपितों के साथ यह लोग भी शक के दायरे में

ख़बर शेयर करें

हल्द्वानी एसकेटी डॉट कॉम

Ad
Ad

कहावत है कि अचल संपत्ति को कोई भी खा नहीं सकता है लेकिन यह कहावत भी अब भू माफियाओं की साजिश के चलते अपना अस्तित्व खोती हुई नजर आ रही है । जिस तरह से चीन पुर निवासी रिटायर्ड पोस्टमैन रिटायर पोस्ट मास्टर हंस दत्त जोशी की जमीन को योजना बनाकर लूटा गया उससे अब यह तय हो गया कि अचल संपत्ति पर भी डाका डाला जा सकता है।

ऐसा ही कुछ 65 वर्षीय बुजुर्ग रिटायर्ड पोस्ट मास्टर हंसा दत्त जोशी के साथ हुआ । हंसा दत्त जोशी की हत्या के बाद अब यह सवाल सामने खड़ा हो गया है कि लैंडरॉबरी अर्थात भूमि की लूट लूट ही हंशा दत्त जोशी की मौत का कारण बन गई।

जिस तरह से आरोपितो एवं हसा दत्त की बेटियों के द्वारा नामजद लोगों ने उनकी जमीन का अवैधानिक रूप से प्लॉटिंग कर लोगों को बेचे उसका संज्ञान कोर्ट से स्टे होने के बाद भी ना तो प्रशासन ले लिया और ना ही निबंधक कार्यालय के रजिस्ट्रार ने लिया।

स्टे होने के बाद भी करोड़ों रुपए की लागत वाली बेशकीमती भूमि की प्लॉटिंग होती रहे और निबंधक कार्यालय द्वारा इस पर लगातार रजिस्ट्री और दाखिल खारिज किए जाने से यह संभावना बढ़ गई है कि इस भूमि पर एक पूरे गिरोह की नजर लगी हुई थी जिसने योजनाबद्ध तरीके से प्रशासन और निबंधक कार्यालय में अपना जाल बिछा कर भूमि जी रजिस्ट्री और दाखिल ख़ातिज करवाई।

कथित दान नामी में मिली हो मूर्ति की जमीन पर सभी ने अपना हाथ साफ किया होगा। हँसा दत्त की दोनों बेटियों के पुरजोर विरोध के बाद जिस तरह से प्रशासन ने डॉक्टरों के पैनल से दोबारा पोस्टमार्टम कराया। मृतक हंशा दत्त जोशी के सिर एवम और चेहरे में गहरे घाव होने के निशान मिले हैं उससे निश्चित रूप से यह कहा जा सकता है 40 बीघा जमीन को किसी तरह से यह गिरोह अपने कब्जे से बाहर नहीं जाना देना चाहते थे। स्टे ऑडर के बाद लोपहला मौका है कि इस तरह से जमीन की डकैती भी हो सकती है। चीन पुर के अमृत आश्रम के पास यह जमीन काफी बेशकीमती मानी जाती है इसके अलावा कुसुम खेड़ा ऊंचा पुल स्टेट हाईवे पर दो बीघा जमीन पर भी भू माफियाओं ने कब्जा कर लिया है।

हंशा दत्त की बेटियों का आरोप है कि दान नामे में उनके पिता के हस्ताक्षर नहीं हैं अब यह मामला पूरी तरह से जांच का विषय बन गया है। इसमें शामिल भू विक्रेताओं के अलावा भूमि की सही रिपोर्ट देने वाले तहसील के परिसर में रजिस्ट्री करवाने में सहयोग करने वाले तथा रजिस्ट्रार का कार्यालय भी शक के दायरे में आते हैं।

इसके लिए किस ढंग से एक सोची समझी रणनीति के तहत 38 बीघा जमीन पर भू माफियाओं ने अपानी दिव्य दृष्टि गड़ा कर रख दी थी।

हनसा दत्त की दोनों बेटियां प्राची और सोनिया ने इस पूरे मामले की जांच करने की मांग की है हंसा दत्त के बारे में जानकारी करने पर यह बात सामने आई कि वह काफी बचत करने व वाले स्वभाव के व्यक्ति थे और वह किस तरह से अपनी बेशकीमती जमीन को दान कर सकते हैं ।पुलिस को इस मामले में पूरी शहर से तह में जाकर जांच करनी होगी तभी असली गुनाहगारो तक कानून के हाथ पहुंच पाएंगे ।जानकारी के अनुसार हंसाका कोई पुत्र नहीं है और दूसरी अभी अपने ताऊ के साथ बाहर रहती हैं जिसका लाभ उठाकर हंसा दत्त को किस तरह से प्रभाव में लेकर यह सारा खेल खेला गया और जब उनकी बेटियों ने कोर्ट में इस मामले पर न्याय के लिए स्टे लगाया तो उन्हें अपनी काली करतूतें उजागर होने का डर सताने लगा जिसकी वजह से उन्होंने हंसा दत्त को ही ठिकाने लगाने का निर्णय ले लिया होगा। पुलिस इस बारे में गहनता से जांच कर रही है ताकि इस डकैती के कातिलों को पकड़ा जा सके । इसके साथ ही वह सारे लोग जो इस मामले में कहीं ना कहीं भूमिका निभा चुके हैं उन्हें भी कानूनन सजा देनी चाहिए कहां की इस तरह से कोई भी पुनरावृति ना हो सके।