ठंड का मौसम बुजुर्गो, कामकाजी महिलाओं एवं चोटिल खिलाड़ियों के लिए इस तरह से है खतरनाक यह सावधानियां बरतें:डॉ अमृत राजे( देखें वीडियो)

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हल्द्वानी एसकेटी डॉट कॉम

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ठंड का मौसम आमतौर पर उम्र दराज बुजुर्गों और कामकाजी महिलाओं के लिए ज्यादा दिक्कत वाला होता है जो पोषक तत्वों की कमी की वजह से कमजोर रहती हैं और उन्हें हड्डी तथा घुटनों और जोड़ों के दर्द की शिकायत रहती है। इसके अलावा उन खिलाड़ियों के लिए भी ठंड का मौसम दिक्कत भरा होता है जो बार-बार चोटिल होते हैं।

हल्द्वानी की प्रसिद्ध हॉस्पिटल कृष्णा हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर मैं अपनी सेवाएं दे रहे डॉ अमृत राजे ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि बुजुर्गों को ठंड से बचने के अलावा पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम तथा प्रोटीन युक्त भोजन लेना चाहिए साथ ही धूप में जरूर घूमना चाहिए। सीढ़ियों में कम चलना चाहिए इसके अलावा वेस्टर्न शौचालय का इस्तेमाल करना चाहिए ।पालथी मारकर बैठने से परहेज करना चाहिए। खिलाड़ियों समुचित व्यायाम फिजिकल ट्रेनर की देखरेख में करना चाहिए ताकि उनकी चोट पर गलत असर ना पड सके

कामकाजी महिलाएं जो कपड़े धोने, रोटी बेलने की वजह से हो रही दिक्कतो जिसमें टेनिस एलबो की दिक्कत प्रमुख है। इस बीमारी में जिस हिस्से मैं दर्द हो रहा है उसे पर्याप्त आराम देना चाहिए जिससे कि वह चोट दोबारा उधर ना सके। हड्डियों को मजबूत करने के लिए कैल्शियम की मात्रा बढ़ानी चाहिए। महिलाओं को टेनिस एल्बो की दिक्कतों उन्हें उस अंग को ऑर्थोपेडिक सर्जन की देखरेख में उपचार दवाइयां तथा जरूरत पड़ने पर इंजेक्शन लगाने की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।

डॉ अमृत राजे महाराष्ट्र के नासिक से एमबीबीएस करने के उपरांत दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज से ऑर्थोपेडिक में मास्टर सर्जरी करने के उपरांत उन्होंने यूरोप से 1 साल का ऑर्थो प्लास्टिक सर्जरी जिसमें रिप्लेसमेंट का व्यापक अनुभव मिलता है को पूरा किया है इसके अलावा उन्होंने आर्थ्रोस्कॉपी के क्षेत्र में भी महारत हासिल की है।

उनकी विशेषज्ञता में ज्वाइंट रिप्लेसमेंट ,स्पोर्ट्स मेडिसन ,पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक, डिफॉरमेटी करेक्शन, जे रियो ट्रिक ट्रामा ,आर्थोपेडिक ऑंकोलॉजी, केमली केटेड ट्रामा तथा पेल्विकएस्टिबल्म जैसी योग्यताएं शामिल है ।

इसके अलावा उन्होंने 3 वर्ष ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस में सीनियर रेजिडेंट के तौर पर अपनी सेवाएं दी है अब वह अपनी सेवाएं हल्द्वानी के कृष्णा हॉस्पिटल एंड रिसर्च मैं दे रहे हैं। उनके यहां उपलब्ध रहने से कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्र तथा उत्तराखंड से लगे यूपी के क्षेत्रों के लोगों को ऑर्थोपेडिक सर्जरी की सेवाएं मिलेंगी तथा लोगों को दिल्ली दौड़ से राहत मिलेगी।