बेटे की गाड़ी चलाने की जिद बन गईं ड्राइवर की जान दुश्मन उपचार के दौरान हुई मौत

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भवाली एसकेटी डॉट कॉम

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कभी किसी की जिद के चलते वाहन चलाने देना जान के लिए आफत बन सकता है ऐसे ही एक मामले में बेटे की जिद के चलते ड्राइवर की जान चली गई. जानकारी के अनुसार ताड़ी खेत विकासखंड के थूआ गांव निवासी पंकज कुमार 26 पुत्र हीराराम पेशे से ड्राइवर है उसी गांव के प्रकाश चंद्र ने भवाली में एक सेकंड हैंड वाहन खरीदा था जिसको लेने के लिए उसने पंकज कुमार चलने को कहा वाहन का सौदा होने के बाद पंकज कुमार वाहन को लेकर गरम पानी की ओर चल पड़ा.

इसी बीच कार में सवार पंकज कुमार का बेटा सुनील कुमार भी था जो की गाड़ी चलाने की जिद करने लगा पंकज कुमार द्वारा गाड़ी ना दिए जाने की बात कही लेकिन ज्यादा जिद करने पर मजबूर उसने सुनील के हाथों में स्टीयरिंग थमा दिया.

कुछ दूर चलने के बाद सुनील गाड़ी से संतुलन खो बैठा और गाड़ी ढाई सौ मीटर खाई में गिर गई पिता पंकज कुमार और बेटे सुनील को मामूली चोट आई जिन्हें गरम पानी के सीएचसी में उपचार करने के बाद छोड़ दिया गया गंभीर रूप से घायल पंकज कुमार को हल्द्वानी के एसडीएच में भर्ती कराया गया 26 अगस्त से उपचार चल रहा था लेकिन 31 अगस्त को पंकज ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया

पंकज के चाचा हरीश चंद्र ने बताया कि घर में पंकज के मां छोटा भाई के अलावा तीन बहने हैं जिनके पालन पोषण की पूरी जिम्मेदारी पंकज के कंधों पर थी लेकिन ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि पंकज के जीवन की भरपाई और उनके प्रयोग परिजनों भरण पोषण कहां से होगा