समाज कल्याण अधिकारी शर्मा ने गबन के साथ जमीन का भी किया घोटाला

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घोटालों को लेकर कई खबरें सामने आती रहती है एक ऐसी खबर हरिद्वार से सामने आ रही है यहां पर विजिलेंस टीम के द्वारा समाज कल्याण विभाग में सहायक निदेशक एनके शर्मा पर चल रही जांच में कई परतें खुलती जा रही है और संयुक्त सचिव सुरेंद्र सिंह रावत की ओर से गत दिवस को जारी पत्र में देहरादून, नैनीताल एवं पौड़ी में रहते हुए एनके शर्मा के कारनामों का पर्दाफाश किया गया है। पत्र के अनुसार, उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए एससी, एसटी की योजनाओं एवं कल्याण का पैसा और जमीन को खुर्द-बुर्द किया।विजिलेंस की जांच में वर्ष 2006 से 2008 के बीच उनकी देहरादून में समाज कल्याण अधिकारी पद पर तैनाती के दौरान की अनियमितता सामने आई हैं।

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एनके शर्मा समेत अन्य कर्मचारियों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए कई फर्जी भुगतान किए। ग्राम बड़कोट रेंज के दुजियावाला में उन्होंने विभाग के निर्माणकार्य निजी स्वार्थ को देखते हुए उनकी पत्नी के ट्रस्ट को आवंटित भूमि के आसपास करवाए। उन पर अनुसूचित जाति, जनजाति के लोग के लिए आए सरकारी पैसे का उपयोग निजी स्वार्थ के लिए कर पात्र लोग को योजनाओं से वंचित रखने के आरोप भी हैं।विजिलेंस की जांच में वर्ष 2006 से 2008 के बीच उनकी देहरादून में समाज कल्याण अधिकारी पद पर तैनाती के दौरान की अनियमितता सामने आई हैं। एनके शर्मा समेत अन्य कर्मचारियों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए कई फर्जी भुगतान किए। ग्राम बड़कोट रेंज के दुजियावाला में उन्होंने विभाग के निर्माणकार्य निजी स्वार्थ को देखते हुए उनकी पत्नी के ट्रस्ट को आवंटित भूमि के आसपास करवाए। उन पर अनुसूचित जाति, जनजाति के लोग के लिए आए सरकारी पैसे का उपयोग निजी स्वार्थ के लिए कर पात्र लोग को योजनाओं से वंचित रखने के आरोप भी हैं।

कारण बताओ शासन ने भेजा नोटिस

संयुक्त सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने विजिलेंस की जांच रिपोर्ट के आधार पर एनके शर्मा को तीन बिंदुओं पर कारण बताओ नोटिस भी भेजा है। नोटिस के अनुसार, उन्हें दून में वर्ष 2006-07 के दौरान अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए स्वीकृत 40.54 लाख का प्रयोग अपने निजी स्वार्थ, व्यक्ति विशेष एवं स्वैच्छिक संस्थाओं को फायदा पहुंचाने में किया है।वहीं जनपद पौड़ी में नियुक्ति के दौरान विभाग के कर्मचारी को नियम विरुद्ध जाकर वित्तीय अधिकार देने, नैनीताल में नियुक्ति के दौरान राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान पाइन्स के बहुउद्देशीय हाल के निर्माण के लिए स्वीकृत 734000 रुपये कार्यदायी संस्था को देने की बजाय प्रशिक्षण केंद्र को देने और दून में तैनाती के दौरान नियम विरुद्ध जाकर एक व्यक्ति को अस्थायी नियुक्ति देने पर जवाब देना है। नोटिस का उन्हें 15 दिन में जवाब देना है।