यहां बनेगा उत्तराखंड का दूसरा सैनिक स्कूल, रक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी

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देहरादून से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। उत्तराखंड के हिस्से एक और सैनिक स्कूल या गया है। यहां पर जल्द ही देहरादून में स्थित जीआरडी वर्ल्ड स्कूल सैनिक स्कूल के तब्दील होगा और यहां पर बच्चों को सेना में जाने के लिए तैयारी करवाई जाएगी।

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प्रदेश में अभी तक सिर्फ घोड़ाखाल ही एकमात्र सैनिक स्कूल है मगर अब उत्तराखंड के हिस्से दो सैनिक स्कूल आ जाएंगे जिससे उत्तराखंड के युवाओं को न केवल आर्मी में जाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि स्कूल के समय से ही वे आर्मी में जाने की तैयारी कर सकेंगे। दरअसल रक्षा मंत्रालय ने शैक्षणिक सत्र 2022 -23 के लिए देश भर में 21 नए सैनिक स्कूल खोलने को मंजूरी दे दी है। मंत्रालय संबंधित प्रदेश के सरकार अथवा निजी स्कूल या एनजीओ के साथ पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल इन स्कूलों का संचालन करगा। उत्तराखंड के हिस्से भी एक स्कूल आया है। देहरादून के भाऊवाला स्थित स्कूल को सैनिक स्कूल में तब्दील किया जाएगा। अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित होने वाली परीक्षा में सफल रहने वाले छात्रों को स्कूलों में कक्षा 6 प्रवेश दिया जाएगा। परीक्षा में 40 फीसदी छात्रों का चयन किया जाएगा जबकि 60 फीसदी छात्र संबंधित स्कूल के ही रहेंगे यदि वह सैनिक स्कूल में प्रवेश लेना चाहते हैं।



आने वाली मई में स्कूलों में शैक्षणिक सत्र शुरू हो जाएगा। दरअसल उत्तराखंड में इससे पहले एकमात्र सैनिक स्कूल घोड़ाखाल था जिसका पूरा संचालन रक्षा मंत्रालय करता है। हालांकि रुद्रप्रयाग जिले में भी सैनिक स्कूल खोलने की कवायद पिछले कई सालों से चल रही थी मगर कुछ ना कुछ अड़चनों के कारण यह मामला अब भी लटका हुआ है। रुद्रप्रयाग में सैनिक स्कूल खोलने की स्वीकृति भी मिल गई थी मगर अब तक वहां पर स्कूल नहीं खुल पाया है। ऐसे में देहरादून में सैनिक स्कूल का खुलना सेना में जाने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है। प्रदेश में एक और नया सैनिक स्कूल खुलने से राज्य के प्रतिभावान छात्रों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा ही उसके साथ में ही सेना में भविष्य संवारने का शानदार मौका भी उनको मिलेगा। उत्तराखंड में अधिकांश छात्रों का चयन अभी एनडीए के जरिए होता है। उसके बाद वे नौ सेना, थल सेना एवं वायु सेना में भर्ती होते हैं। कई बच्चे एनडीए क्लियर नहीं कर पाते। ऐसे में एडमिशन लेने के बाद बच्चे सेना में जाने की तैयारी अच्छे से कर सकते हैं।