रामनगर मे राजस्थान की घटना से आया उबाल पक्षपात का लगाया आरोप

ख़बर शेयर करें

रामनगर एसकेटी डॉट कॉम

Ad
Ad

राजस्थान मे स्कूलों मे जाति सूचक अत्याचार लगातार बढ़ते जा रहे हैं जिसकी वजह से कक्षा 3में पढ़ने वाले इंदु मेघवाल को अपनी जान गंवानी पड़ी जिसके खिलाफ रामनगर में समाजवादी लोक मंच के बैनर तले लोगों ने इसका भारी विरोध किया और उसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए जी सरकार में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के लिए उन्हें जिम्मेदार बताया.

जालौर में सरस्वती विद्या मंदिर के एक शिक्षक द्वारा पानी का मटका छूने पर कक्षा 3 के बच्चे इंद्र मेघवाल की हत्या से आक्रोशित सामाजिक व राजनीतिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने समाजवादी लोक मंच के बैनर तले लखनपुर चौक पर धरना देकर आक्रोश व्यक्त किया।

कौशल्या चुनियाल ने सभा का संचालन करते हुए कहा कि जातिवाद आज हमारे समाज में नासूर बन चुका है।राजस्थान की घटना दलित उत्पीड़न की एकमात्र घटना नहीं है। आज स्थिति यह है कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे दलित भोजन माता के हाथ का बना भोजन भी करने के लिए तैयार नहीं हैं। हम लोग जब किराए पर मकान लेने जाते हैं तो हमसे जाति पूछी जाती है और दलित जाति के लोगों को सवर्ण कमरा या मकान किराए पर देने को तैयार नहीं है।

धरने को संबोधित करते हुए गिरीश आर्य ने कहा कि अंबेडकर ने संविधान में समानता, स्वतंत्रता व भाईचारा के सिद्धांतों को स्थापित किया था परंतु जब तक देश में जातिवाद मौजूद रहेगा देश में समानता स्वतंत्रता व भाईचारा स्थापित नहीं हो सकता।

मंच के संयोजक मनीष कुमार ने राजस्थान की गहलोत सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि विगत जून माह में कन्हैया लाल की हत्या पर उन्होंने ₹50 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की थी परंतु इंद्र मेघवाल की हत्या पर वह ₹5 लाख ही मुआवजा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी लोक मंच जातिवाद मुक्त व शोषण विहीन भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। आजादी के 75 वर्षों बाद भी देश में यदि जातिवाद बचा हुआ है तो इसके लिए सत्ता पर बैठी हुई पार्टियां जिम्मेदार हैं। उन्होंने अपने वोट बैंक को बनाए रखने व पूंजीपति वर्ग के हित के लिए, जातिवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए हैं।

जातिवादी उत्पीड़न व राजस्थान की घटना के खिलाफ 19 अगस्त को दिन में 11 बजे से मालधन नंबर 2 के चौराहे पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।

सभा को प्रभात ध्यानी, भुवन चंद्र, ललित उपरेती, विद्यावती आर्य,तुलसी छिंबाल, इंद्रजीत सिंह, संजय कुमार, एमआर टम्टा, एडवोकेट ललित मोहन, संजीव घिल्डियाल, चिंताराम, किरण आर्य आदि ने संबोधित किया।
कार्यक्रम में महिलाओं समेत आसपास के क्षेत्र के लोगों ने बड़ी संख्या में भागीदारी की।