अफसरों की टैक्सियों पर पीली की बजाय सफेद नंबर प्लेट लगाने पर रोक

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प्रदेश में राज्य संपत्ति विभाग ने सचिवालय के अफसरों की टैक्सियों पर पीली के बजाए सफेद नंबर प्लेट लगाने पर रोक लगा दी है। विभाग ने मुख्य व्यवस्थाधिकारी को पत्र भेजकर तत्काल नियमानुसार प्लेट बदलवाने को कहा है। साथ ही स्पष्ट किया है कि ऐसा करने वाले वाहन स्वामियों व चालकों पर कार्रवाई की जाएगी।

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सचिवालय में मोटर व्हीकल एक्ट का माखौल उड़ाते हुए कई अफसर टैक्सी पर सफेद नंबर प्लेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। जबकि नियमानुसार टैक्सी के लिए पीली नंबर प्लेट ही होनी चाहिए। अमर उजाला ने 12 अक्तूबर के अंक में ‘टैक्सी में बैठने से घटती है अफसरों की शान, बदल दी पीली पट्टी की पहचान’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।

खबर छपने के बाद राज्य संपत्ति विभाग ने इसका संज्ञान लिया। पहले ऐसी टैक्सी का इस्तेमाल करने वाले सभी अधिकारियों को हिदायत दी गई और मुख्य व्यवस्थाधिकारी से जवाब मांगा गया। अब सचिव विनोद कुमार सुमन ने मुख्य व्यवस्थाधिकारी को ही पत्र भेजकर इस पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।

पत्र में उन्होंने कहा है कि राज्य संपत्ति विभाग में संबद्ध फर्मों की ओर से उपलब्ध कराए जा रहे टैक्सी वाहनों में पीली पट्टी के स्थान पर सफेद पट्टी का प्रयोग करने पर तत्काल रोक लगाई जाए। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर दोबारा इस तरह परिवहन नियमों का उल्लंघन सामने आया तो संबंधित टैक्सी के वाहन स्वामी या चालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

आरटीओ भी कर सकता है कार्रवाई
टैक्सियों पर पीली के बजाए सफेद नंबर प्लेट लगाने वालों पर आरटीओ के स्तर से भी कार्रवाई की जा सकती है। पूर्व में आरटीओ प्रवर्तन रहे सुनील शर्मा के नेतृत्व में अभियान तो चला था लेकिन सचिवालय के हुक्मरानों के वाहन इसकी जद में नहीं आ पाए। नंबर प्लेट से छेड़छाड़ पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 500 रुपये तक जुर्माना और गाड़ी का चालान भी हो सकता है।