देवस्थानम बोर्ड पर पुष्कर का एलान-हाई पावर कमेटी करेगी फैसला, त्रिवेंद्र का जवाब-बताए क्या है कमी ! एक वीडियो में उन्होंने देश के अन्य धामों से कैसे तुलना की देखें

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उत्तरकाशी एसकेटी डॉटकॉम

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अपने उत्तरकाशी दौरे पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड के लागू होने पर ऐलान किया कि अभी यह एक्ट लागू नहीं है इस पर जिन तीर्थ पुरोहित हक हकूक धारियों ने विरोध जताया है उनका निराकरण करने के लिए एक हाई पावर कमेटी का गठन किया जाएगा।

यह कमेटी तय करेगी कि किस तरह से इस एक्ट को लागू किया जाएगा और हक हकूक धारी तीर्थ पुरोहितों का कैसे इस एक्ट में सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का यह मानना है कि उत्तराखंड के चारों धामों की व्यवस्था को बढ़िया बनाने में सहयोग देना है ना कि इन सारी व्यवस्थाओं को अपने हाथों में लेना।

उन्होंने यह भी कहा कि बद्रीनाथ केदारनाथ तथा गंगोत्री यमुनोत्री के हक हकूक धारियों और तीर्थ पुरोहितों की मांगों को सहानुभूति पूर्वक सुना जाएगा उसके बाद ही इस एक्ट को लागू किया जाएगा।

मुख्यमंत्री की इस घोषणा का तीर्थ पुरोहित हक हकूक धारी संगठन के प्रवक्ता बृजेश सती ने मुख्यमंत्री के इस निर्णय की सराहना की है कई महीनों से तीर्थ पुरोहित अपना विरोध व्यक्त कर रहे हैं। वही यमुनोत्री गंगोत्री तीर्थ धाम के सुरेश सेमवाल ने कहा कि सारी बातें सीएम के सामने रखी है उसके बाद ही उन्होंने यह निर्णय लिया है जिसका हम स्वागत करते हैं। हक हक उधारी महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी ने भी मुख्यमंत्री के इस निर्णय का स्वागत किया है इसके साथ ही उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री के इस फैसले के बाद भी उनका आंदोलन जारी रहेगा लेकिन सकारात्मक निर्णय लेने के बाद वह अपना आंदोलन वापस ले लेंगे।

त्रिवेन्द्र ने कहा कमी तो बताए सिर्फ विरोध के लिए विरोध नही हो

इधर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को जब मुख्यमंत्री धामी के इस फैसले की सूचना मिली तो उन्होंने कहा कि कुछ ही लोग हैं जो देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे हैं । आखिर वह यह क्यों नहीं बताते कि इस बोर्ड में क्या खामियां हैं। कुछ लोग अपनी निजी हितों को लेकर इस मामले का सिर्फ विरोध के लिए ही विरोध कर रहे हैं। जिस तरह से देश में किसान बिल का सिर्फ विरोध के नाम पर विरोध किया जा रहा है उसी तरह से देवस्थानम बोर्ड का विरोध करने के नाम पर ही विरोध करवाया एवं किया जा रहा है जोकि प्रदेश के चार धाम तीर्थाटन पर्यटन के लिए शुभ संकेत नहीं है ।

पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने यह कहा कि इस बोर्ड में संशोधन करने के लिए कमेटी बनाई है अच्छी बात है लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है जिस पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ही कुछ संशोधन हो सकता है। त्रिवेंद्र के इस तरह के बयान से कहीं न कहीं उनके मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर टकराव की संभावना भी बढ़ सकती है।

देव स्थान बोर्ड पर कुछ दिन पहले पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने क्या कहा कैसे इसकी तुलना देश के अन्य धामो से की।