आपदा के लिए दीर्घकालिक योजना न बना पाना सरकारों का फैल्योर है: किशोर (देखें वीडियो)
हल्द्वानी एसकेटी डॉटकॉम
उत्तराखंड एक आपदा संभावित प्रदेश है इस प्रदेश के लिए एक दीर्घकालिक योजना की आवश्यकता है जिसस आपदा के असर को कम किया जा सके लेकिन अब तक की सरकारों ने इस विषय में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की है जिससे निश्चित रूप से प्रवेश को हर बार बड़े हानि उठानी पड़ रही है।
यह बात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं वन अधिकार मंच के प्रदेश संयोजक किशोर उपाध्याय ने कही किशोर उपाध्याय यहां हल्द्वानी में रामगढ़ के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद पत्रकारों के साथ बात कर रहे थे उन्होंने कहा कि रैणी और रामगढ़ जैसी आपदाएं प्राकृतिक कम मानव जनित ज्यादा लग रही है रैणी में विद्युत परियोजनाओं के लिए की गई खुदाई के बाद मलवा ना लो और नदियों के मुहाने के ऊपर पढ़ा रहा जिसके बाद बारिश में यह मलवा शक्तिशाली बनकर विद्युत योजनाओं के चैनलों में काम कर रहे लोगों पर जान की कीमत बन गया वही रामगढ़ में भी अनियोजित विकास के चलते मलवा निस्तारित नहीं किया गया बारिश आने से यह मलवा लोगों के घरों के ऊपर गया जिसने घरों को तबाह कर दिया।
किशोर उपाध्याय से जब यह प्रश्न किया गया की 2022 की मिशन के लिए वह कांग्रेस के लिए किस तरह से अपनी भूमिका निभाई है इस पर उन्होंने कहा कि किशोर का एजेंडा है कि जो वना अधिकारों के नियमों को लागू करेगा निश्चित रूप से जनता उनकी सरकार बनाएगी। जनता आज के लोकतंत्र में भगवान के स्वरूप के तौर पर है।
जो पार्टियां आज 200 यूनिट बिजली मुक्त देने पानी मुफ्त देने की बात कर रहे हैं तथा लोगों को झांसा दे रहे हैं यह यह समझ नहीं पा रहे हैं की यह बिजली और पानी यहां के वनों के लिए संघर्ष करने वाले लोगों की बदौलत है। 72% वनों को आज इस तरह से खत्म किया जा रहा है उससे निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों को काफी दुख दर्द झेलना पड़ेगा। सरकारें मौसम परिवर्तन की ओर ध्यान नहीं दे रही है जिसकी वजह से आपदाओं की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जो कुछ भी उन्हें दिया उससे वह संतुष्ट हो तथा कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए जो कुछ भी होगा वह हमारी घोषणा पत्र समिति तैयार करेगी जिससे लोगों को जोड़ा जाएगा।
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