जब तक पौड़ी का सम्मान नहीं, तब तक कोई मतदान नहीं… व्यापारियों ने किया चुनाव बहिष्कार

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‘जब तक पौड़ी का सम्मान नहीं, तब तक कोई मतदान नहीं’। पौड़ी में अपनी समस्याओं के समाधान के लिए व्यापारियों ने कुछ इस अंदाज में चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है।

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व्यापारियों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान
उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। ऐसे में लोकतंत्र के चुनावी पर्व में राजनीतिक दलों और उनके प्रत्याशियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर वोट मांगना शुरू कर दिया है। इस बीच मंडल मुख्यालय पौड़ी के व्यापारियों ने चुनाव बहिष्कार करने की चेतावनी जिला प्रशासन पौड़ी को दे दी है।

राज्य गठन के बाद भी सालों पीछे चल रहा शहर
व्यापारियों का कहना है कि राज्य गठन के 23 साल पूरे हो जाने के बावजूद आज भी मंडल मुख्यालय पौड़ी श्रीनगर से कई साल पीछे चल रहा है। व्यापारियों का कहना है कि रोजगार की उचित व्यवस्था न होना पौड़ी में पलायन का प्रमुख कारण है। जिसके ऊपर किसी भी सरकार द्वारा कभी भी गंभीरता से कोई काम नहीं किया गया।

पलायन की मार से व्यापारी भी नहीं रहे अछूते
जिसका नतीजा यह है कि आज पौड़ी उत्तराखंड के ऐसे जिलों में सबसे ऊपर है, जहां पर सबसे अधिक पलायन हुआ है। व्यापारियों ने कहा कि पलायान की मार से व्यापारी भी अछूते नहीं रहे। इसकी सबसे अधिक मार व्यापार पर पड़ी है। व्यापारियों ने साफ किया है कि वे आगामी 2024 में लोकसभा चुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार करने जा रहे हैं।

व्यापारियों ने गिनाई खामियां
व्यापारियों का कहना है कि पौड़ी शहर विकास से कई साल पीछे है। यहां ना पार्किंग की सुविधा है और ना ही कूड़ा निस्तारण की कोई ठोस रणनीति। इस कारण पौड़ी हमेशा उपेक्षा का शिकार रहता है। अगर विकास को लेकर जनप्रतिनिधियों का ऐसा ही रवैया रहा, तो इसका विरोध किया जाएगा।

चुनाव प्रबंधन में जुटे सरकारी अमले की बढ़ी परेशानी
चुनाव बहिष्कार की इस घोषणा के बाद चुनाव प्रबंधन में जुटे सरकारी अमले की परेशानी बढ़ती हुई नजर आ रही है। वहीं इस पूरे मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी पौड़ी डॉ आशीष चौहान ने बताया कि पूरे मामले में स्वीप की टीम के माध्यम से व्यापारियों को समझाने का काम किया जाएगा। जिससे वे अपने पसंद के जनप्रतिनिधि को वोट डाल सके और जनप्रतिनिधि उनकी जो भी समस्या है उसका निस्तारण कर सकें।