मालकिन की जान लेने वाला पिटबुल कु्त्ता आजाद हुआ, पढ़िए कौन ले गया अपने साथ

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लखनऊ में अपनी ही मालकिन की जान लेने वाले पिटबुल को नगर निगम की कैद से आजाद कर दिया गया है। अब ये फीमेल पिटबुल डॉग ट्रेनर के पास रहेगी। बाद में उसे किसी अन्य को सौंपा जाएगा। हालांकि फिलहाल नगर निगम से निकलते वक्त पिटबुल को उसके पुरानी मालिक को ही सौंपा गया।


आपको बता दें कि लखनऊ के कैसरबाग इलाके में एक पिटबुल कुत्ते ने अपनी ही बुजुर्ग मालकिन की जान ले ली थी। इस घटना के बाद पिटबुल कुत्तों के व्यवहार और उन्हे घर में पालने को लेकर बहस छिड़ गई। इसी दौरान नगर निगम ने अपनी ही मालकिन को मारने वाली फीमेल पिटबुल को एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में कैद कर दिया था।


पालतू पिटबुल कुत्ते ने बुजुर्ग मालकिन को नोंच नोंच कर मार डाला
फीमेल पिटबुल को एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में 15 दिनों के लिए रखा गया था। इस दौरान उसके व्यवहार को लेकर भी निरीक्षण किया गया। नगर निगम ने पाया कि पिटबुल का व्यवहार सामान्य कुत्तों की ही तरह है। वो अन्य कुत्तों की ही तरह नगर निगम के कर्मियों से घुल मिल गई थी। यहां तक कि अब खुले में उसे खाना दिया जा रहा था और वो बिना किसी को नुकसान पहुंचाए सभी के साथ खेल भी रही थी।


हालांकि फीमेल पिटबुल को एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में रखने की मियाद 27 जुलाई को खत्म हो गई। इसके बाद उसे किसी को सौंपना जरूरी था। इसी दौरान पिटबुल के मालिक अमित त्रिपाठी से संपर्क हुआ। हालांकि नियमों के तहत अमित को उनका पिटबुल नहीं सौंपा जा सकता है। क्योंकि पड़ोसी आपत्ति करेंगे। ऐसे में नगर निगम ने अमित को पिटबुल को शर्तों के साथ सौंपा। अमित ने तय किया कि वे उसे डॉग ट्रेनर के पास रखेंगे। इसे लेकर अमित ने लिखित रूप से अंडरटेकिंग भी दी है। डॉग ट्रेनर के पास कुछ दिन बिताने के बाद पिटबुल को उनके किसी रिश्तेदार को सौंपा जाएगा।


बताते हैं कि फीमेल पिटबुल ब्राउनी नगर निगम के कर्मियों के साथ इतनी घुलमिल गई थी कि वो अपने मालिक यानी अमित के साथ भी जल्दी जाने को तैयार नहीं थी। हालांकि बाद में अमित की स्मेल रिकॉल होने पर वो उनके साथ चली गई। अमित ने इसके पहले भी ब्राउनी को वापस रखने के लिए नगर निगम से संपर्क किया था। 14 दिनों बाद भी अमित नगर निगम के अधिकारियों के पास पहुंचे। हालांकि नियमों के तहत अमित को ब्राउनी नहीं दी जा सकती थी। अमित ने ये भी प्रस्ताव रखा कि वो ब्राउनी को कुछ दिनों बाद किसी एनजीओ को सौंप देंगे।