Lok Sabha Election 2024 : अल्मोड़ा में चौथी बार टम्टा VS टम्टा, यहां हमेशा रहा है कांटे का मुकाबला

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कांग्रेस ने मंगलवार को लोकसभा उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। जिसमें अल्मोड़ा सीट पर बीजेपी की तरह ही कांग्रेस ने पुराने चेहरे को ही मैदान में उतारा है। जिस से एक बार फिर प्रदीप टम्टा और अजय टम्टा आमने-सामने आ गए हैं। ये चौथी बार है जब प्रदीप टम्टा और अजय टम्टा में मुकाबला होगा।

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उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में से एक अल्मोड़ा लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस ने प्रदीप टम्टा को तो बीजेपी ने अजय टम्टा को उम्मीदवार बनाया है। दोनों चौथी बार आमने-सामने हैं। बता दें कि साल 2009 में प्रदीप टम्टा और अजय टम्टा लोकसभा चुनावों के लिए पहली बार आमने-सामने आए और कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा की जीत हुई। उन्हें 200310 वोट मिले थे जबकि बीजेपी प्रत्याशी अजय टम्टा 192987 वोट ही हासिल कर पाए थे।

साल 2014 के लोकसभा चुनावों में एक बार फिर से कांग्रेस ने प्रदीप टम्टा को तो वहीं बीजेपी ने अजय टम्टा को टिकट दिया। इस बार प्रदीप टम्टा को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन प्रदीप टम्टा एकलौते ऐसे प्रत्याशी थे जिन्हें बेहद ही कम वोटों से हार का सामना करना पड़ा। साल 2019 में एक बार फिर बीजेपी ने अजय टम्टा को मैदान में उतारा तो कांग्रेस ने इस बार भी प्रदीप टम्टा को टिकट दिया। लेकिन साल 2019 में फिर प्रदीप टम्टा को हार का सामना करना पड़ा।

दोनों पार्टियों ने पुराने प्रतिद्वंदियों को उतारा मैदान में
जहां एक ओर बीजेपी से अल्मोड़ा लोकसभा सीट से रेखा आर्या का नाम सामने आ रहा था को वहीं कांग्रेस से नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य अल्मोड़ा से चुनाव लड़ना चाह रहे थे। इसके साथ ही दोनों पार्टियों से कई अन्य नाम रेस में शामिल थे। लेकिन कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही पुराने उम्मीदवारों पर भरोसा जताया और पुराने प्रतिद्वंदियों को मैदान में उतार दिया।

अल्मोड़ा, सोमेश्वर विस सीट से विधायक रहे प्रदीप टम्टा
कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा का जन्म 16 जून 1958 में पिथौरागढ़ जिले में हुआ। प्रदीप टम्टा अल्मोड़ा, सोमेश्वर विधानसभा सीट से विधायक भी रहे और 15वीं लोकसभा के सदस्य भी रहे। इसके साथ ही वो राज्य सभा के सांसद भी रहे। बता दें कि प्रदीप टम्टा राज्य सभा जाने वाले पहले दलित नेता बने।

अजय टम्टा ने छात्र राजनीति से की थी शुरूआत
अजय टम्टा का जन्म बागेश्वर जिले के भठ्ठखोला गांव में 1972 में हुआ था। अजय टम्टा ने छात्र राजनीति से पारंपरिक राजनीति में कदम रखा था। जिसके बाद वो अल्मोड़ा जिला पंचायत के उपाध्यक्ष बने और 1996 में 25 साल की उम्र में सबसे युवा जिला पंचायत अध्यक्ष रहे।

अजय टम्टा ने साल 2002 में निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। इसके बाद साल 2007 और 2012 में सोमेश्वर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। साल 2009 में उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा था। जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वो कुछ समय के लिए समाज कल्याण मंत्री भी रहे। साल 2016 में वो मोदी मंत्रिमंडल में सिर्फ 44 साल की उम्र में केंद्रीय टेक्सटाइल राज्य मंत्री भी रहे। बता दें कि साल 2014 में उन्होंने सांसद की सीट दो लाख से ज्यादा मतों से जीत कर रिकॉर्ड बनाया था।