सिद्धपीठ ज्वाल्पा देवी मंदिर के पौराणिक स्वरूप को लेकर दो पक्ष आमने-सामने, नहीं थम रहा विवाद

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सिद्धपीठ ज्वाल्पा धाम के पौराणिक स्वरूप को लेकर बीते कुछ समय से दो पक्ष आमने-सामने हैं। ये विवाद अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते रोज एक पक्ष द्वारा मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए भूमि पूजन करवाया गया। जिसमें पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत भी शामिल हुए। लेकिन इस अवसर पर दूसरे पक्ष के लोगों ने आपत्ति जताई।


पौड़ी जिले के सिद्ध पीठ मां ज्वाल्पा देवी के पौराणिक स्वरूप को लेकर दो पक्षों में छिड़ा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। आज अक्षय तृतीया के अवसर पर सिद्ध पीठ मां ज्वाल्पा देवी मंदिर बाह्य स्वरूप के सौंदर्यीकरण के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भूमि पूजन किया गया। इस दौरान सांसद तीरथ सिंह रावत ने भी कार्यक्रम में शिरकत की। मंदिर के पौराणिक स्वरूप को परिवर्तित न किए जाने तथा बाह्य स्वरूप के सौंदरीकरण को लेकर दो पक्ष आपस में आमने-सामने आ गए हैं।

पौराणिक स्वरूप को परिवर्तित ना किया जाए
मंदिर के पौराणिक स्वरूप को परिवर्तित ना किए जाने की लेकर ज्वाल्पा देवी शिवालय ट्रस्ट मांग कर रहा है। ट्रस्ट के विमल चन्द्र अण्थवाल तथा मंदिर निर्माता दाताराम के प्रपौत्र रवि अण्थवाल का कहना है कि न्यायालय से भी मंदिर के पुनः निर्माण न किए जाने के स्पष्ट आदेश हुए हैं।

मंदिर के बाह्य स्वरूप का किया जा रहा सौंदर्यीकरण
वहीं दूसरी ओर पूजा समिति ज्वाल्पा देवी के अध्यक्ष सतीश चन्द्र अंणथ्वाल का कहना है कि मंदिर के मूल स्वरूप से कोई छेड़छाड़ नहीं की जा रही है। बल्कि मंदिर का बाह्य स्वरूप के सौंदर्यीकरण को लेकर भूमि पूजन किया गया है। बताया कि न्यायालय के आदेश की कोई भी अवहेलना नहीं की जा रही है